
पतंग से सजा महाकालेश्वर मंदिर, दिनभर दर्शन के लिए उमड़े हजारों श्रद्धालु, आकर्षक सजावट की गई
नवभारत/न्यूज
उज्जैन। मकर संक्रांति पर्व पर महाकाल मंदिर में मंगलवार की अल सुबह भस्म आरती के दौरान भगवान को पंडे-पुजारियों ने तिल से स्नान कराया।
संक्रांति पर्व के मौके पर मंदिर में आकर्षक रंग बिरंगी पतंगों की सजावट की गई। भस्मारती में पुजारियों ने भगवान को तिल मिश्रित जल से स्नान कराया। इसके बाद दिव्य श्रृंगार किया फिर तिल व गुड़ से बने पकवानों का भोग लगाया। महाकाल मंदिर के पुजारी महेश गुरु ने बताया कि संक्रांति महापर्व काल में परंपरा अनुसार भगवान महाकाल को तिल्ली के जल से स्नान कराने के पश्चात जलधारी पर तिल्ली अर्पित की गई तथा भोग में तिल के पकवान अर्पित किए गए।
भर्तृहरि गुफा में खिचड़ी व तिल का भोग लगा
मकर संक्रांति पर्व के अवसर पर उज्जैन की प्रसिद्ध भर्तृहरि गुफा में मंगलवार को परंपरा अनुसार गुरु गोरक्षनाथ जी को खिचड़ी व तिल के पकवानों का भोग लगाया गया। इसके पूर्व गुफा के योगी पीर महंत श्री रामनाथ जी महाराज के सानिध्य में 151 बटुकों ने गुरु की प्रतिमा का अभिषेक, पूजन किया। महंत श्री रामनाथ जी महाराज ने बताया कि मकर संक्रांति पर्व पर गुरु गोरक्षनाथ जी को खिचड़ी का भोग लगाने के परंपरा है।
गढ़ कालिका में किया पतंगों से श्रृंगार
मकर संक्रांति पर्व के अवसर पर मंगलवार को उज्जैन के प्रसिद्ध गढ़ कालिका मंदिर में पतंगों से श्रृंगार किया गया तथा देवी को तिल के लड्डुओं का महाभोग लगाया गया। मंदिर की शासकीय पुजारी महंत करिश्मा नाथ ने जानकारी देते हुए बताया कि मकर संक्रांति पर्व के अवसर पर मां गढ़ कालिका के दरबार में भी उत्सव मनाया गया। इस अवसर पर गर्भगृह के अंदर व बाहर रंग बिरंगी पतंगों से श्रृंगार किया गया तथा मां गढ़ कालिका को तिल के लड्डुओं का महाभोग लगाया गया। आरती, पूजन करने के पश्चात श्रद्धालुओं में तिल के पकवानों का प्रसाद वितरित किया गया।
