ज्ञानवान होने के साथ उसे आचरण में उतारना जरूरी – मंगुभाई

भोपाल,11 जनवरी (वार्ता) मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा है कि ज्ञानवान होने के साथ ज्ञान को आचरण में उतारना भी जरूरी है।
श्री पटेल ने आज यहाँ कुशाभाऊ ठाकरे अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर हॉल में आयोजित अटल बिहारी वाजपेयी हिन्दी विश्वविद्यालय के पांचवें दीक्षांत समारोह में उपस्थित अतिथियों और विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि ज्ञानवान होना ही पर्याप्त नहीं है, ज्ञान को आचरण में उतारना भी जरूरी है। भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी जैसे महान कवि, लेखक और राष्ट्रभक्त की स्मृति में स्थापित विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं का दायित्व है कि वह देश, समाज, समुदाय,परिवार और वंचितों के प्रति संवेदनशील रहें।
उन्होंने कहा कि भावी जीवन और कैरियर की सफलताओं में माता-पिता, गुरूजन और समाज के जरूरतमंद पीछे नहीं छूटने चाहिए। पालकों के संघर्ष के पलों, समाज के सबसे पिछड़े, गरीब व्यक्ति के आपकी शिक्षा-दीक्षा में प्रत्यक्ष और परोक्ष सहयोग को सदैव याद रखें। दीक्षांत शपथ के दस्तावेज को संभाल कर रखें। प्रतिदिन उसे दोहराएं और उसके अनुसार आचरण करें। आस-पास के वंचितों की जरूरतों की जानकारी लें। उनको पूरा करने का यथा संभव प्रयास करें।
उन्होंने स्वामी विवेकानंद का उल्लेख करते हुए कहा कि हर व्यक्ति में अपार क्षमता है, आवश्यकता अपनी शक्तियों को जगाने की है। उन्होंने विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय की गरिमा को बढ़ाने और समाज एवं राष्ट्र की सेवा में उत्कृष्ट योगदान देने के लिए शुभकामनांए दी।
इस मौके पर भारतीय सूचना प्रौद्यौगिकी संस्थान भोपाल के निदेशक आशुतोष सिंह ने महाभारत के मछली की आँख वाले प्रसंग का उल्लेख करते हुए बताया कि जीवन में सफलता के लिए कठिन प्रतिस्पर्धा हर युग में रही है, आगे भी रहेगी। भावी जीवन में भी रोज नई परीक्षा देनी होगी। आवश्यकता देश, काल और परिस्थिति के अनुसार स्वयं को ढालकर प्रयास करने की है। अंधेरा कितना भी घना हो, दिया जलाने पर रोक नहीं लगाता है। उन्होंने कहा कि याद रहे मंजिल उन्हें मिलती है जिनके सपनों में जान होती है। पंख होना पर्याप्त नहीं, उड़ान का हौसला होना जरूरी है।
इस कार्यक्रम के प्रारंभ में अतिथियों ने माँ शारदा की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किये। उन्होंने स्व. वाजपेयी के चित्र पर पुष्पांजलि भी दी। दीक्षांत समारोह में राज्यपाल एवं मंचासीन अतिथियों का शॉल, श्रीफल, स्मृति प्रतीक एवं पौधा भेंट कर स्वागत किया गया। राज्यपाल ने विभिन्न संकायों के पदक विजेताओं को पुरस्कृत किया। दीक्षांत अवसर पर वर्ष 2023-24 के 71 स्नातकोत्तर तथा 113 स्नातक छात्र-छात्राओं को उपाधियां प्रदाय की गई है। सभी दीक्षित विद्यार्थियों को कार्यक्रम में दीक्षांत शपथ भी दिलाई गई।

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