तीन-तीन माह में प्रॉपर्टी की गाइडलाइन बढ़ाए जाने की योजना खटाई में पड़ी

अब वित्तीय वर्ष अप्रैल में ही बढ़ेगी गाइडलाइन
पंजीयन विभाग की मेहनत काम नहीं आई
अधिकारियों द्वारा तैयार ड्राफ्ट को वापस किया

उज्जैन: प्रॉपर्टी के रेट मध्य प्रदेश में हर तीन माह में बढ़ाये जाने को लेकर जो दिशा निर्देश दिए गए थे, वह योजना टांय-टांय फिस्स हो गई है.
नवभारत को मिली जानकारी के अनुसार जिस प्रकार से 7 सितंबर 2024 को मध्य प्रदेश सरकार ने जो नए नियम बनाने की बात कही थी ,उसे शिथिल कर दिया गया है. हाल फिलहाल प्रॉपर्टी के दाम हर तीन माह में अभी नहीं बढ़ेंगे.

सरकार ने यह दिए थे निर्देश
दरअसल मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के निर्देश आने के बाद अधिकारियों ने यह जानकारी दी थी कि जिन क्षेत्रों में तेजी से विकास हो रहा है और प्रॉपर्टी के दाम बढ़ रहे हैं, वहां अब कलेक्टर गाइडलाइन भी उसी के अनुरूप हर तीन-तीन माह में बढ़ाई जाएगी. इसके लिए बाजार की गतिविधियों का अध्ययन करके रेट फिक्स किए जाएंगे.

पंजीयन विभाग की मेहनत काम नहीं आई
हर तीन माह में गाइडलाइन के बढाये जाने की जो तैयारी करने के दिशा-निर्देश दिए थे. उसके अनुरूप मध्य प्रदेश भर के पंजीयन विभाग के अधिकारियों ने जी तोड़ मेहनत करके लगातार 4 महीने तक ड्राफ्ट बनाया. जब सरकार को यह दस्तावेज प्रस्तुत किए गए तो आईजी स्टाम्प से लेकर सचिवालय से जवाब आया कि अब इसकी कोई जरूरत नहीं.

अगले वित्तीय वर्ष में ही बढ़ेगी गाइडलाइन
प्रॉपर्टी के दाम प्रतिवर्ष अनुसार गाइडलाइन के हिसाब से वित्तीय वर्ष में ही बढ़ाए जाते हैं. इधर सितंबर 2024 में आम जनता को यह जानकारी मिली की सरकार पंजीयन विभाग के माध्यम से जनवरी-2025 में ही एक नई योजना लॉन्च करने वाली है, जिसमें तीन-तीन माह में गाइडलाइन बढ़ाई जाएगी. इस मामले में सरकार ने अपने कदम पीछे खींच लिए हैं, अब कहा जा रहा है कि वित्तीय वर्ष 1 अप्रैल से ही नई गाइडलाइन प्रतिवर्ष अनुसार लॉन्च की जाएगी.

संपदा 2.0 में खामियां
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव जब उज्जैन प्रवास पर आए तो उन्हें भरतपुरी पंजीयन एसोसिएशन के अध्यक्ष रवि मित्तल, सचिव सुरेंद्र मरमट से लेकर सभी पदाधिकारियों ने ज्ञापन सौंप कर संपदा 2.0 में हो रही तकनीकी दिक्कतों को लेकर ज्ञापन सौंपा, जिसमें जिला कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने पंजीयन विभाग की वरिष्ठ अधिकारी श्रीमती ऋतुम्भरा द्विवेदी से इसकी जानकारी मांगी तो पता चला कि खामियां तो आ रही है. ऐसे में इस दुरुस्त करने के लिए भोपाल स्तर पर बातचीत का दौर चल रही है.

जनवरी माह के बाद पता चलेगा
सरकार गाइडलाइन तो प्रतिवर्ष बढ़ाती ही है. उसमें दावे आपत्ति भी आते हैं. सभी प्रक्रिया के पश्चात गाइडलाइन बढ़ाई जाती है, जिस प्रकार से तीन-तीन माह में गाइडलाइन बढ़ाए जाने की बात सामने आई थी. उसको लेकर हाल फिलहाल तो ऐसा कुछ होते हुए दिखाई नहीं दे रहा है, भोपाल स्तर पर क्या सुगबुगाहट है यह जनवरी माह के बाद पता चलेगा. हमने सम्पदा 2.0 को लेकर भी मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा है.
– रवि मित्तल, अध्यक्ष भरतपुरी, पंजीयन एसोसिएशन उज्जैन

भोपाल से ही तय होगा
तीन-तीन माह में प्रॉपर्टी की गाइडलाइन बढ़ाए जाने के जो दिशा निर्देश थे, उसका आदेश आने के पश्चात हमने तैयारी की. पंजीयकों-उप पंजीयकों को द्वारा ड्राफ्ट तैयार किया गया. हाल फिलहाल नई योजना लागू होगी या नहीं या भोपाल से ही तय होगा. इधर संपदा 2.0 में कुछ टेक्निकल समस्याएं आ रही है, जिसको लेकर वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है.
– ऋतुम्भरा द्विवेदी, वरिष्ठ पंजीयक, जिला उज्जैन

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