जीतू यादव और कमलेश कालरा का विवाद में रोज नए-नए वीडियो आ रहे हैं. दोनों ने अपने-अपने समाजों को भी मैदान में उतार दिया है. इस विवाद को लेकर भाजपा में स्पष्ट रूप से गुटीय विभाजन हो गया है. एक तरफ कैबिनेट मंत्री का गुट है तो दूसरी तरफ उनके विरोधियों का। कहा जा रहा है कि अब यह विवाद भोपाल पहुंच गया है. दरअसल, विवाद भोपाल दरबार में पहुंचा जरूर है लेकिन इस विवाद का कोई नतीजा निकलेगा, इसकी उम्मीद कम है. भाजपा संगठन भी मामले को रफा दफा करने में लगा हुआ है. इसी वजह से दोनों नेताओं को नगर भाजपा की ओर से नोटिस देने के औपचारिकता की गई है. इन दोनों के जवाब आने के बाद पार्टी चेतावनी देकर दोनों को छोड़ देगी, इसके आसार हैं.
दरअसल भाजपा पार्षद विवाद मामले में सोमवार को भाजपा संगठन ने एमआईसी मेंबर जीतू यादव और भाजपा पार्षद कमलेश कालरा को शोकाज नोटिस दिया है. दोनो को अपना पक्ष रखने को कहा गया है. एक मोबाइल कॉल की रिकार्डिंग वायरल होने के बाद कालरा के घर पर हमला हो गया था और उन्होंने जीतू यादव पर परिजनों से मारपीट करने का आरोप लगाया था. दोनो पार्षदों के बीच हुए विवाद का मामला मुख्यमंत्री मोहन यादव और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा तक पहुंच चुका है. दोनों ने जांच कर एक्शन लेने की बात कही थी. कमलेश कालरा को भाजपा नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे द्वारा दिए गए नोटिस में कहा गया है कि सोशल मीडिया पर एक कॉल रिकार्डिंग वायरल हुई है. जिसमें आप नगर निगम कर्मचारी को धमकी दे रहे है. इससे पार्टी की छवि धूमिल हुई है. इस मामले में दो दिन में लिखित स्पष्टीकरण देकर वास्तविकता से संगठन को अवगत कराए. उधर यादव को दिए गए शोकाज नोटिस में कहा गया है कि पार्टी के पास आपके खिलाफ एक शिकायत आई है.
जिसमे पार्षद कालरा ने उनके घर पर हुए हमले और उनके परिजनों को चोट पहुंचाने की घटना में शामिल होने की बात कही है. इस मामले में दो दिन में संगठन को स्पष्टीकरण दें. आपको बता दें कि यह मामला सामने आने के बाद चार नंबर क्षेत्र की विधायक मालिनी गौड़ ने मुख्यमंत्री से कालरा और उसके परिजनों को मिलवाया था और जीतू यादव की शिकायत की थी. रविवार को मुख्यमंत्री मोहन यादव फिर इंदौर आए तो जीतू यादव अपने समर्थकों के साथ मुख्यमंत्री से मिलने पहुंचे थे और अपनी बात रखी थी. इस मामले में पुलिस ने दोनो पक्षों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है और मामले की जांच की जा रही है.