विक्रम मिस्री ने अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री मुत्ताकी से की मुलाकात

नयी दिल्ली 08 जनवरी (वार्ता) भारत और तालिबान शासन के बीच अब तक की सर्वाधिक उच्च स्तरीय आधिकारिक बैठक में विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बुधवार को दुबई में अफगान तालिबान के कार्यवाहक विदेश मंत्री मावलवी आमिर खान मुत्ताकी के साथ बैठक की।

दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय संबंधों के साथ-साथ क्षेत्रीय विकास से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। श्री मिस्री ने अफगान लोगों के साथ भारत की ऐतिहासिक मित्रता और दोनों देशों के बीच मजबूत लोगों के बीच संपर्क पर प्रकाश डाला।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट किया, “ दोनों पक्षों ने भारत की ओर से अफगानिस्तान को दी जा रही मानवीय सहायता, द्विपक्षीय मुद्दों और क्षेत्र में सुरक्षा स्थिति पर चर्चा की। भारत ने अफगानिस्तान के लोगों को मानवीय और विकास सहायता प्रदान करना जारी रखने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। चाबहार बंदरगाह के माध्यम से व्यापार और वाणिज्य को बढ़ावा देने पर सहमति व्यक्त की। भारत देश में स्वास्थ्य क्षेत्र और शरणार्थियों के पुनर्वास के लिये भी अपना समर्थन देगा। ”

एक बयान में उन्होंने अफगानिस्तान के लोगों की तत्काल विकासात्मक जरूरतों पर प्रतिक्रिया देने के लिये भारत की तत्परता से अवगत कराया। दोनों पक्षों ने चल रहे भारतीय मानवीय सहायता कार्यक्रमों का मूल्यांकन किया। अफगान तालिबान के विदेश मंत्री ने अफगानिस्तान के लोगों से जुड़ने और उनका समर्थन करने के लिये भारतीय नेतृत्व की सराहना की और उन्हें धन्यवाद दिया।

बयान में कहा गया कि अफगानिस्तान के विकास गतिविधियों की वर्तमान जरुरतों को देखते हुये, यह निर्णय लिया गया कि भारत मानवीय सहायता कार्यक्रम के अलावा निकट भविष्य में विकास परियोजनाओं में शामिल होने पर विचार करेगा।अफगानिस्तान के अनुरोध के जवाब में भारत वहां स्वास्थ्य क्षेत्र और शरणार्थियों के पुनर्वास के लिये और अधिक भौतिक रूप से सहायता प्रदान करेगा।

दोनों पक्षों ने क्रिकेट खेल में सहयोग को मजबूत करने पर भी चर्चा की। क्रिकेट को अफगानिस्तान की युवा पीढ़ी अत्यधिक महत्व देती है। अफगानिस्तान के लिये मानवीय सहायता के उद्देश्य सहित व्यापार और वाणिज्यिक गतिविधियों का समर्थन करने के लिए चाबहार बंदरगाह के उपयोग को बढ़ावा देने पर भी सहमति बनी है। अफगानिस्तान की ओर से भारत की सुरक्षा चिंताओं के प्रति अपनी संवेदनशीलता को रेखांकित किया। दोनों पक्ष बैठक में आपसी संपर्क में रहने और विभिन्न स्तरों पर नियमित संपर्क जारी रखने पर सहमत हुये।

गौरतलब है कि अफगानिस्तान के लोगों की जरूरतों को देखते हुये भारत ने अफगानिस्तान को मानवीय सहायता बढ़ाने का फैसला किया। बयान में कहा गया है कि भारत ने अब तक 50,000 टन गेहूं, 300 टन दवाइयां, 27 टन भूकंप राहत सहायता, 40,000 लीटर कीटनाशक, 10 करोड़ पोलियो खुराक, कोविड वैक्सीन की 15 लाख खुराक, नशा मुक्ति कार्यक्रम के लिये 11,000 यूनिट स्वच्छता किट, 500 यूनिट सर्दियों के कपड़े और 1.2 टन स्टेशनरी किट आदि सहित कई शिपमेंट भेजे हैं।

यह बैठक भारत द्वारा अफगानिस्तान के पक्तिका प्रांत में सीमा पार हवाई हमलों के लिये पाकिस्तान की आलोचना करने के दो दिन बाद हुई है। इस हमले में 46 नागरिक मारे गये थे। यह बैठक अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन की हाल ही में संपन्न दिल्ली यात्रा के दौरान भी हुई है, जहां उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल से मुलाकात की। दोनों पक्षों के बीच यह बैठक इस्लामाबाद और काबुल शासन के बीच तेजी से बिगड़ते संबंधों के बीच हुई है।

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