तालाब नुमा टैंक से तैयार होगी बिजली

हो रही तैयारी: नहीं होगी पानी की बर्बादी

दिसंबर 25 या मार्च 26 तक शुरू हो जाएगी बिजली उत्पादन

नीमच। बिजली उत्पादन में पानी की बर्बाद न हो इस बात को ध्यान में रखते हुए गांधीसागर के कैचमेंट क्षेत्र में विशाल तालाब बनाए जा रहे हैं। पहले बांध के कैचमेंट क्षेत्र से पानी लिफ्ट कर बनाए जा रहे विशाल तालाबनुमा टैंकों में भरा जाएगा। यहां से बिजली उत्पादन के लिए पानी छोड़ा जाएगा जो पानी बाद में आगे चलकर बांध में ही मिलेगा। आगामी सवा साल में 11 हजार 470 करोड़ रुपए की अतिमहत्वाकांक्षी योजना से बिजली उत्पादन प्रारंभ हो जाएगा। इस परियोजना का कार्य गांधीसागर बांध से करीब 15 किलोमीटर दूर हो रहा है।

नीमच जिले की रामपुरा तहसील क्षेत्र की अरावली पहाडिय़ों के बीच बन रहे खिमला बिजली प्लांट (निर्माणाधीन ग्रीनको पम्प स्टोरेज परियोजना) क्षेत्र के लिए वरदान साबित होगा। इस परियोजना की आधारशिला तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने 4 अक्टूबर 23 को वर्चुअल कार्यक्रम में रखी गई थी। पम्प स्टोरेज परियोजना से नीमच, मंदसौर और आसपास के क्षेत्रों काफी लाभ होगा। इस प्लांट में आसपास के क्षेत्रों के लोगों रोजगार मिला है। प्रतिदिन 3 हजार से अधिक लोगों यहां काम कर रहे हैं। इस परियोजना की सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इसमें गांधी सागर जलाशय से जो पानी इस्तेमाल किया जाएगा। उसमें 5 प्रतिशत से भी कम पानी का नुकसान होगा। परियोजना के लिए वन विभाग व राजस्व विभाग की भूमि ली गई है। यहां तालाब नुमा टैंक बनाकर पम्प द्वारा गांधी सागर जलाशय से पानी लिया जाएगा। बाद में इसी पानी को फिर गांधी सागर में छोड़ा जाएगा। इसी की मदद से पंप स्टोरेज के माध्यम से बिजली का उत्पादन होगा। इससे मनासा जनपद के रामपुरा क्षेत्र के ग्रामीणों को विशेष लाभ मिलेगा।

1920 मेगावाट बिजली का होगा उत्पादन

परियोजना से न केवल क्षेत्र की बिजली की आवश्यकता पूरी होगी, बल्कि बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार भी मिलेगा। गांधीसागर पम्प स्टोरेज परियोजना की 1920 मेगावाट (10326 मेगावाट प्रति घंटे की स्टोरेज) क्षमता है। परियोजना में दो जलाशय शामिल हैं।

गांधीसागर निचला जलाशय (पहले से मौजूद) और ऊपरी जलाशय जो ग्रीनको कम्पनी द्वारा तैयार किया जा रहा है। इस योजना में गांधी सागर जलाशय के 1.24 टीएमसी पानी का पुन:परिसंचरण द्वारा पुन:उपयोग की परिकल्पना की गई है। गांधी सागर जलाशय (मौजूदा निचला जलाशय) में पानी को पम्प करके प्रस्तावित पम्प स्टोरेज परियोजना के ऊपरी जलाशय में संग्रहित किया जाएगा। इसका उपयोग बिजली उत्पादन के लिए किया जाएगा। गांधी सागर जलाशय की कुल संग्रहण क्षमता 270.321 टीएमसी है। प्रस्तावित पीएसपी की रेटिंग 1920 मेगावाट है।

परियोजना की चक्र दक्षता 79.44 प्रतिशत के आसपास होने की उम्मीद है, जबकि मशीन की उपलब्धता 95 प्रतिशत होगी। 80 किलोमीटर लम्बी एसीएसआर क्वाड बर्सिमिस कंडक्टर के साथ एक 420 केवी डबल सर्किट ट्रांसमिशन लाइन का उपयोग करने का प्रस्ताव है। यह लाइन उत्पादित बिजली की निकासी तथा पम्पिंग मोड के दौरान बिजली की आपूर्ति के लिए मध्य प्रदेश राज्य के नीमच में 400/220 केवी पीजीसीआईएल सबस्टेशन से जुड़ी होगी।

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