
शासकीय दृष्टिबाधितार्थ उ. मा. विद्यालय भेड़ाघाट का मामला
नवभारत, जबलपुर। शासकीय दृष्टिबाधितार्थ उ. मा. विद्यालय भेड़ाघाट में पहले कार्यालय, कलेक्टर जिला जबलपुर के आदेश द्वारा कार्य सुविधा की दृष्टि से व्याख्याता के मूल पद के दायित्वों के साथ-साथ प्रभारी प्राचार्य का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया था। परंतु उक्त प्राचार्य को बिना जांच के हटा कर उच्च शिक्षा विभाग के सहायक प्राध्यापक को विद्यालय का प्रभार सौंप दिया है। उल्लेखनीय है कि दृष्टिबाधितार्थ विद्यालय सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशाक्तिकरण विभाग के अंतर्गत आता है, जिसके प्रभारी को ही यहां के प्राचार्य का पद दिया जाता है। जानकारी के अनुसार सुरेशचंद्र यादव 4 नवंबर 2016 से शासकीय दृष्टिबाधितार्थ उ. मा. विद्यालय जबलपुर में कार्यरत थे। साथ ही 2 फरवरी 2024 से मानसिक रूप से अविकसित बालगृह में अधीक्षक के अतिरिक्त दायित्वों का निर्वहन भी किया जा रहा था। परंतु 26 दिसंबर 2024 को सुरेशचंद्र यादव को पद से हटाकर शासकीय दृष्टि बाधितार्थ उ.मा.विद्यालय प्राचार्य का प्रभार उच्चशिक्षा विभाग से डॉ. शिवेंद्र सिंह परिहार, सहायक प्राध्यापक प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस शासकीय महाकौशल कला एवं वाणिज्य स्वशासी महाविद्यालय को सौंप दिया गया।
उच्च शिक्षा विभाग को कैसे मिला प्रभार
नियमानुसार दृष्टिबाधितार्थ विद्यालय सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशाक्तिकरण विभाग के अंतर्गत ही आने वाले प्रभारी को ही दृष्टिबाधितार्थ विद्यालय का प्रभार दिया जाता है। परंतु हाल ही में यह प्रभार उच्च शिक्षा विभाग के डॉ. शिवेंद्र सिंह परिहार को सौंप दिया गया है। जो कि प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस शासकीय महाकौशल कला एवं वाणिज्य स्वशासी महाविद्यालय में सहायक प्राध्यापक के पद पर भी बैठ कर अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
हंगामा कर हटाने की मांग, बिना जांच हटाया
गौरतलब है कि अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस के अवसर पर राइट टाऊन स्टेडियम में खेलकूद एवं सामथ्र्य प्रदर्शन के आयोजन पर दृष्टि दिव्यांग छात्रों द्वारा विभाग के खिलाफ प्रदर्शन किया गया, जिसमें प्राचार्य को हटाने की मांग की गई थी, परंतु उक्त प्राचार्य को बिना जांच के ही हटाकर उच्च शिक्षा विभाग के सहायक प्राध्यापक को प्राचार्य पद सौंप दिया गया है। इस संबंध में जब सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशाक्तिकरण विभाग अधिकारी शिवांगी जोशी से बात करना चाही तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।
