नए तरीके से सुधार मांग रहा है पुराना बस स्टैंड तिराहा
फैक्ट फाइल
रोजाना 60 हजार से ज्यादा वाहनों का दबाव
25 से ज्यादा यात्री बसें गुजरती हैं
15 के आसपास मेट्रो बसें निकलती है
जबलपुर, नवभारत। शहर के मध्य को पश्चिम से जोड़ने वाला सबसे पुराना बस स्टैंड तिराहा अव्यवस्था का शिकार हो चुका है। नगर की बढ़ती आबादी और वाहनों की संख्या के हिसाब से इस तिराहे की बनावट में सुधार की आवश्यकता महसूस की जा रही है। इसके पहले भी तिराहे के निर्माण में यातायात के निकलने का ध्यान नहीं रखा गया था। यहां डिवाइडर इस तरह डिजाइन कर बनाए गए हैं कि अक्सर तीन पत्ती की तरफ से शास्त्री ब्रिज की ओर जाने या राइट टाऊन और स्टेडियम की ओर मुड़ना सुगम नहीं है। कई बार मुड़ने के चक्कर में हादसे भी हो चुके हैं। तीन पत्ती चौराहा कुछ कदम दूर होने के कारण यहां पर यातायात नियंत्रित करने के लिए ट्रैफिक सिग्नल भी नहीं लगाए जा सकते है। ये तिराहा शहर के दो व्यस्ततम चौराहो तीन पत्ती और ब्लूम चौक को जोड़ता है। लिहाजा इस तिराहे से होकर यात्री बसें सहित बड़ी संख्या में चार पहिया, दो पहिया और तीन पहिया वाहन गुजरते हैं, जिससे के कारण अक्सर जाम के हालात बनते हैं और दुर्घटनाएं भी हो रही हैं।
मॉडल रोड पर कट भी बड़ा कारण
दिन बे दिन बढ़ते यातायात के दबाव को देखते हुए मॉडल रोड के भंवरताल उद्यान छोर पर डिवाइडर काट कर रास्ता बनाया गया था। निगम द्वारा पहले इस कट को बंद कर दिया गया था जिसका विरोध आम जनों द्वारा किया गया था। जिसे पुनः तोड़कर रास्ता बनाया गया है। अब इस कट के कारण पूरी मॉडल रोड पर दिनभर जाम लगा रहता है। जिससे यह बात साफ है कि भविष्य को ध्यान में रखकर तैयार नहीं किया गया था यह तिराहा और वही क्षेत्रीय नागरिकों की मानें तो इस तिराहे को भविष्य में बढ़ती आबादी और वाहनों की संख्या के कारण निश्चित मुसीबत का सामना करना पड़ेगा।
पूरा तिराहा अतिक्रमण की गिरफ्त में
इस मुख्य तिराहे पर हाल के कुछ वर्षों में तेजी से अतिक्रमण बढ़ा हैं। पुराने बस स्टैंड तिराहे के इर्द-गिर्द अतिक्रमण की भरमार हो चुकी है। फल, सब्जी, चाट, गुटके आदि की नई दुकानें भी तिराहे के पास लगने लगीं है। इसके अलावा लोगों ने दुकानें भी बढ़ा ली हैं। तिराहे में अक्सर अनाधिकृत रूप से वाहनों की पार्किंग भी की जाती है।
इनका कहना है
यातायात विभाग द्वारा ब्लूम चौक, तीन पत्ती एवं पुराने बस स्टैंड तिराहे पर जवानों की तैनाती की जाती है जो वहां की ट्रैफिक व्यवस्था को संभालते हैं। हम लोगों द्वारा पूरी कोशिश यही रहती है कि ट्रैफिक सुचारू रूप से चले।
संतोष शुक्ला, डीएसपी, यातायात पुलिस