यरूशलम, 01 जनवरी (वार्ता) इजरायली सेना गाजा पट्टी में अस्पतालों पर अपने हमलों को उचित ठहराने के लिए पर्याप्त सबूत देने में विफल रही है।
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त (ओएचसीएचआर) के कार्यालय ने मंगलवार को प्रकाशित एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी।
रिपोर्ट में कहा गया है “ इजरायली सेना ने अपने बयानों की स्वतंत्र पुष्टि करने के लिए पर्याप्त जानकारी प्रदान नहीं की है कि जिन अस्पतालों, एम्बुलेंसों और कर्मियों पर हमला किया गया था, उन्होंने अपनी विशेष सुरक्षा खो दी थी और सैन्य उद्देश्यों का गठन किया था।”
संयुक्त राष्ट्र अधिकार एजेंसी ने कहा कि इजरायल ने सात अक्टूबर 2023 से 30 जून 2024 तक गाजा में 38 अस्पतालों और 12 क्लीनिकों में से कम से कम 27 पर 136 हमले किए, जिसका फिलिस्तीनियों की स्वास्थ्य और चिकित्सा देखभाल तक पहुंच पर विनाशकारी प्रभाव पड़ा।
रिपोर्ट में कहा गया है “ अस्पतालों पर वर्णित हमलों के संचयी प्रभावों ने गाजा में स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली को पूरी तरह से पतन के कगार पर पहुंचा दिया है, जिससे जबरदस्त जरूरत के समय फिलिस्तीनियों की स्वास्थ्य और चिकित्सा देखभाल तक पहुंच प्रभावित हो रही है।”
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर तुर्क ने इजरायल पर उस एकमात्र अभयारण्य को मौत के जाल में बदलने का आरोप लगाया जहां फिलिस्तीनियों को सुरक्षित महसूस करना चाहिए था। उन्होंने कहा कि चिकित्सा सुविधाओं में शरण लेने वाले मरीजों, कर्मचारियों और अन्य नागरिकों की हत्याएं अंतरराष्ट्रीय कानूनों का घोर उल्लंघन हैं।
उल्लेखनीय है कि सात अक्टूबर, 2023 को इजरायल पर गाजा पट्टी से अभूतपूर्व रॉकेट हमला किया गया। इसके अलावा, फिलिस्तीनी आंदोलन हमास के लड़ाकों ने सीमावर्ती क्षेत्रों में घुसपैठ की, सेना और नागरिकों पर गोलीबारी की और बंधक बना लिया। इज़रायली अधिकारियों का कहना है कि छापे के दौरान लगभग 1,200 लोग मारे गए। जवाब में, इजरायल रक्षा बलों ने गाजा में ऑपरेशन आयरन स्वॉर्ड्स शुरू किया और एन्क्लेव की पूर्ण नाकाबंदी की घोषणा की। स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, गाजा पट्टी में इजरायली हमलों में मरने वालों की संख्या 45,500 से अधिक हो गई है।
