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रतलाम। मकान के पट्टे के नामातंरण के लिए रिश्वत लेने वाली तत्कालीन सचिव शानू पुरोहित को विशेष न्यायाधीश आदित्य रावत ने 4 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई। साथ ही 2000 रुपए के अर्थदण्ड से दण्डित किया। न्यायाधीश ने प्रकरण में 18 माह में फैसला सुनाया। प्रकरण में पैरवी विशेष लोक अभियोजक कृष्णकांत चौहान द्वारा की गई।
जिला अभियोजन अधिकारी जिला गोविन्द प्रसाद घाटिया ने बताया गया कि 8 फरवरी 2019 को गोपाल पिता नंदराम पाटीदार निवासी ग्राम मचुन ने लोकायुक्त कार्यालय उज्जैन में उपस्थिति होकर शिकायत की थी। ग्राम पंचायत मचुन की सचिव शानू पुरोहित द्वारा जमीन के पट्टे का नामातंरण करने के ऐवज में 10 हजार रुपए रिश्वत की मांग की थी, 9,000/- रुपए सचिव पुरोहित को दिए। एक हजार रुपए बाकी थे। 14 फरवरी 2019 को ग्राम पंचायत मचुन जिला रतलाम से आरोपिया शानु पुरोहित को आवेदक गोपाल पाटीदार से 1000/- रुपए रिश्वत लेते हु लोकायुक्त के निरीक्षक अंतिम पंवार के द्वारा ट्रेप किया था।
दोषसिद्ध होने पर सजा
विवेचना में अपराध प्रमाणित पाए जाने पर आरोपी के विरूद्ध अभियोजन स्वीकृति प्राप्त कर विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त कार्यालय उज्जैन द्वारा आरोपिया के विरुद्ध अभियोग पत्र विशेष न्यायालय रतलाम में दिनांक 28 जून 2023 को प्रस्तुत किया गया। विचारण उपरांत विशेष न्यायालय रतलाम द्वारा आरोपिया शानु पुरोहित, उम्र 25 वर्ष, ग्राम पंचायत मचुन, तहसील पिपलौदा जिला रतलाम को दोषसिद्ध किया गया।