डॉ मनमोहन सिंह भारत के आर्थिक सुधारों की क्रांति के जनक थे. उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर का आर्थिक विशेषज्ञ माना जाता था. 1991 से 1996 के दौरान कई बार दुनिया के आर्थिक विशेषज्ञों ने उन्हें विश्व का सर्वश्रेष्ठ वित्त मंत्री माना था. प्रधानमंत्री के रूप में डॉ मनमोहन सिंह का पहला कार्यकाल देश के सर्वश्रेष्ठ कार्यकालों में से एक था. डॉ मनमोहन सिंह की आर्थिक नीतियों और व्यक्तिगत ईमानदारी पर देश का मध्यम वर्ग और शहरी मतदाता फिदा था.यही वजह है कि 2009 के लोकसभा चुनाव में देश के सभी महानगरों और टू टियर शहरों में कांग्रेस ने विजय की पताका फहराई.विद्वत्ता, भद्रता और सरलता के कारण उन्हें विपक्ष से व्यापक सम्मान मिला.डॉ मनमोहन सिंह आर्थिक सुधारों के साथ कांग्रेस को राष्ट्रवाद की ओर ले जाना चाहते थे. यही वजह है कि उन्होंने जेएन दीक्षित जैसे कूटनीतिज्ञ को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बनाया जो नियमित रूप से संघ के माउथ पीस ऑर्गेनाइजर में लेख लिखते थे. आतंकवाद की जांच करने के लिए नेशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी यानी एनआईए की स्थापना 2008 में उन्हीं के कार्यकाल में हुई थी . नक्सलवाद के खिलाफ भी उन्होंने काफी कड़े कदम उठाए जिनका देश को आज लाभ मिल रहा है. विदेश नीति के मामले में भी डॉ मनमोहन सिंह पीवी नरसिंह राव और अटल बिहारी वाजपेयी की नीतियों को आगे बढ़ाते रहे. 2006 का अमेरिका के साथ परमाणु समझौता इसी का नतीजा था.भारत के साथ अमेरिका की परमाणु संधि केवल डॉ मनमोहन सिंह की जिद के कारण हो सकी अन्यथा कांग्रेस में इसका काफी विरोध था. समाजवादी और वामपंथी दलों ने तो इस वजह से समर्थन ही वापस ले लिया था.बहरहाल, प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव के कार्यकाल में लगातार 5 वर्षों तक वित्त मंत्री के रूप में किए गए आर्थिक सुधारों के लिए उन्हें हमेशा याद किया जाएगा. वित्त मंत्री के रूप में उन्होंने देश में कोटा, परमिट और लाइसेंस राज को समाप्त करने की दिशा में बड़े कदम उठाए गए.उन्होंने वाजपेयी सरकार की सडक़ परियोजनाओं को भी जारी रखा.इसी तरह जनता को सभी सरकारी सूचनाएं लेने का अधिकार 2005 में डॉ मनमोहन सिंह की सरकार ने दिया. सरकारी कामकाज में पारदर्शिता लाने की दृष्टि से आरटीआई एक ऐतिहासिक कदम था. मनरेगा योजना डॉ मनमोहन सिंह की देश को एक और अनमोल देन है. इस योजना के तहत ग्रामीणों को साल में 100 दिन काम की गारंटी देना गेम चेंजर साबित हुआ.मनरेगा योजना इतनी सफल रही कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार भी इस योजना को निरंतर रखे हुए हैं.आंतरिक सुरक्षा की दृष्टि से मनमोहन सरकार ने आधार कार्ड लाकर ऐतिहासिक काम किया. आज आधार कार्ड प्रत्येक नागरिक की पहचान है.शिक्षा का अधिकार देने का फैसला भी उन्हीं की कार्यकाल में लिया गया.2006 में अमेरिका के साथ समझौता और परमाणु निरस्तीकरण संधि पर हस्ताक्षर कर उन्होंने भारत को अधिकृत रूप से परमाणु शक्ति संपन्न देश के रूप में एक तरह से घोषित करवा दिया.इससे अमेरिका और भारत के बीच व्यापारिक संबंध मजबूत हुए. देश का निर्यात बढ़ा. प्रधानमंत्री के रूप में डॉक्टर मनमोहन सिंह ने देश को विश्व मंच पर प्रतिष्ठा दिलवाने के अनेक कदम उठाए. उनकी विद्वत्ता, विनम्रता, ईमानदारी और सरलता हमेशा याद की जाती रहेगी. उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि !