नवभारत न्यूज
रीवा, 15 दिसम्बर, रीवा संभाग के कश्मिनर बी.एस. जामोद ने ठण्ड के मौसम में ठण्ड से बचाव के लिये आवश्यक व्यवस्थायें सुनिश्चित कराने के निर्देश दिये हैं. उन्होंने कलेक्टर्स से कहा है कि शीत ऋतु प्रारंभ हो गई है. आगामी दिनों में अधिकांश जगहों में सामान्य से न्यूनतम तापमान की संभावना प्रबल है. अत: संभावित शीत लहर के प्रकोप से बचाव तथा लोगों की सुरक्षा की सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए जिले के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में निम्नानुसार आवश्यक प्रबंध करायें. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग द्वारा जारी शीत लहर चेतावनी तथा बचाव के उपायों से जन सामान्य को सूचित करने हेतु व्यापक प्रचार प्रसार तथा अन्य आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित किया जाए. बेसहारा एवं बेघर व्यक्ति फुटपाथ/सडक़/मैदान जैसे खुले स्थानों में पाए जाने पर उन्हें रैन बसेरों में शिफ्ट कराने की कार्यवाही की जाए यदि शिफ्ट कराना संभव न हो तो अन्य सुरक्षित स्थानों को चिन्हित कर उनमें उन व्यक्तियों को रखा जाय. रैन बसेरों में पर्याप्त गर्म कपड़े, बिस्तर और कंबल आदि उपलब्ध कराए जाएं इस संबंध में स्वयंसेवी संगठनों का सहयोग प्राप्त किया जा सकता है. प्रमुख सार्वजनिक स्थानों जैसे बस स्टैण्ड, रेलवे स्टेशन, पार्क, मुख्य बाजार, आदि पर अलाव जलाने के लिए स्थान चिन्हित किये जाएं तथा अलाव जलाने के लिए आवश्यक सामग्री की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित कराने के निर्देश कमिश्नर ने दिये हैं.
उन्होंने कहा है कि रैन बसेरा एवं अन्य चिन्हित स्थानों पर शीतलहर से बचाव के प्राथमिक उपचार हेतु फर्स्ट एड बाक्स तथा आवश्यक दवाइयों की व्यवस्था हेतु स्वास्थ्य विभाग को निर्देश जारी किये जाएं. उपरोक्त व्यवस्था सुनिश्चित करने के साथ-साथ विशेष टीम का गठन कर रात के समय नियमित रूप से इन प्रमुख स्थानों और रैन बसेरों का निरीक्षण करें तथा यह सुनिश्चित करें कि अलाव जल रहे हैं, रैन बसेरों में कोई समस्या नहीं है, और कोई व्यक्ति खुले में न सो रहा हो. शीतलहर के प्रकोप को दृष्टिगत चेतावनी अनुसार स्कूल तथा अन्य शैक्षणिक संस्थाओं के संचालन के समय में परिवर्तन हेतु आवश्यकता अनुसार निर्देश जारी किये जाएं. घने कोहरे की स्थिति के दौरान यातायात प्रबंधन सुनिश्चित किया जायेे एवं अग्रिम सुरक्षा उपाय लागू किये जाएं. जिले में स्थित सभी शासकीय चिकित्सालयों में शीतलहर प्रभावितों के उपचार हेतु चिकित्सकों की टीम गठित की जाए तथा शीतघात से प्रभावित व्यक्तियों के उपचार हेतु दवाइयों के पर्याप्त भण्डारण सुनिश्चित किये जाएं.