मनरेगा योजना में हजारों मजदूर कागजो में कर रहे काम, तो वही धरातल पर हो रहा है मशीनों से काम

उपयंत्री नही करते मनरेगा योजना में हो रहे कार्यों का निरीक्षण

 

नवभारत न्यूज़

मनासा। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) को पहली बार प्रदेश में वर्ष 2006 में लागू किया गया था।जिस उद्देश्य को लेकर मनरेगा योजना को बनाया गया था। यह जन कल्याणकारी योजना अपने लक्ष से भटकती हुई नजर आ रही है। जनपद पंचायत मनासा की पंचायतों में मनरेगा की स्थिति बेहद खराब है। मनासा तहसील के ग्रामीण क्षेत्रो में मजदूरों को मनरेगा के तहत काम नही मिल रहा है। ग्राम पंचायतों में बैठे जिम्मेदार सरपंच-सचिव मनरेगा के कार्य मशीनों से कराते हैं और फर्जी तरीके से मस्टर – भरकर जॉब कार्ड धारकों के नाम से रुपयों को निकालकर बंदरबाट की जाती है। मनरेगा योजना इस लिए बनाई गई थी कि ग्रामीण क्षेत्रो में मजदूरों को 100 दिन की मजदूरी रोजगार आजीविका के रूप में मजदूरों को मिल सके।

ग्रामीण क्षेत्र में गरीब मजदूरों की हालत बहुत ही खराब और दयनीय बनी हुई है। अल्प वर्षा होने से किसानों की फसलो का रकबा भी कम है जिससे मजदूरों को काम नही मिल रहा वही गरीब मजदूरों को अपने परिवार के लिए दो वक्त की रोटी के जुगाड़ में अन्य प्रदेशों में पलायन करना पड़ रहा है। वही जनपद मनासा के उच्च-अधिकारियों व कर्मचारियों की अनदेखी के कारण काम मांगने वाले ग्रामीणों को काम तक नहीं मिल पा रहा है। तो वही दूसरी ओर पंचायत के सचिवो व सरपंचों की मिलीभगत से फर्जी जॉब कार्ड में हाजरी भरकर रुपए निकाल रहे है।तो वही विभागीय कर्मचारी जॉब कार्डों का लक्ष्य पूरा कर अपनी खानापूर्ति करने में लगे हुए है। इस योजना का उद्देश्य ग्रामीणों को रोजगार से जोडऩा था इस योजना का लक्ष्य ग्रामीणों को अपने गांव से पलायन करने से रोकना था। इसके लिए शासन ने मनरेगा के तहत गांव में ही रोजगार मुहैया कराने के लिए मनरेगा योजना बनाई थी।

ज्ञात हो कि जिले की जनपद पंचायत मनासा जिसमे 102 ग्राम पंचायते है। इन पंचायतो में 08 उपयंत्री है जिनके पास अलग अलग सेक्टर में पंचायतो का कार्यप्रभार है। किसी उपयंत्री के पास ज्यादा पंचायते है तो किसी के पास कम पंचायते कुल मिला के सभी उपयंत्रीयो के पास अपना अपना एक सेक्टर है।वर्तमान में इन सभी पंचायतो में मनरेगा योजना में परकुलेशन टैंक, नाले,सुदर सडक़,कपिल धारा कूप,नन्दन फ्लोउद्यान, आवास योजना, आंगनवाड़ी, सीसी रोड जैसे अनेकों कार्य चालू है। इन कार्यो में काम करने वाले मजदूरों की यदि बात करे तो कागजो में 4694 मजदूरों के फर्जी जॉब कार्ड भरे जा रहे है। वही मनरेगा कार्यस्थल पर मौके पर दूर दूर तक आप को कोई मजदूर काम करते हुए नही मिलेंगे। मजदूरों के जॉब कार्ड से लगाकर मजदूरों का जियोटेक तक सारी व्यवस्थाए भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ती नजर आ रही है। उपयंत्री अपने ऑफिस में पंखे की हवा खाते खाते ही मनरेगा योजना में चल रहे कार्यो का निरक्षण कर लेते है इस लिए उन्हें दूर दूर तक इन कार्यो में मशीनें नजर नही आती।

पंचायतो के कर्मचारियों से लगाकर उपयंत्रियों की मिलीभगत से सरकार की इस जनहितैषी योजना को पलीता लग रहा है।

इनका कहना है –

मनासा ब्लॉक में अगर मनरेगा योजना में मजदूरों की जगह मशीन से काम हो रहा है तो आप पंचायत का नाम व कार्य की जानकारी का बताये हम कार्यवाही करँगे

– अरविंद डामोर, जनपद पंचायत अधिकारी

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