*उपराष्ट्रपति ने ग्वालियर में किया जीवाजी राव की प्रतिमा का अनावरण*
नवभारत न्यूज
ग्वालियर 15 दिसम्बर। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ आज ग्वालियर दौरे पर आए। यहां पर उन्होंने जीवाजी राव सिंधिया की प्रतिमा का अनावरण किया। प्रतिमा के अनावरण कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि आज का दिन मेरे लिए भावुक कर देने वाला है। उपराष्ट्रपति ने माधव राव सिंधिया को याद करते हुए कहा कि जीवाजी राव जानते थे कि शिक्षा से समानता और जागरूकता रहती है। शिक्षा से ही लोकतंत्र और संविधान है। उन्होंने आज महाराज बाड़ा पर देश के पहले जियो साइंस म्यूजियम का भी लोकार्पण किया।
इस अवसर पर उनके साथ राज्यपाल मंगू भाई पटेल, प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया एवं विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर सहित दिग्गज नेता मौजूद थे।
*राजनीति में सिंधिया परिवार के योगदान को सराहा*
उपराष्ट्रपति ने कहा कि आज का दिन मेरे लिए बहुत ख़ास है। मैंने सिंधिया परिवार की कई पीढ़ियों की राजनीति को देखा है। मुझे 1989 में राजमाता का आशीर्वाद मिला जो आज मुझे इस मुकाम पर ले आया। माधव राव संसद के माधव थे। माधवराव ने सभी मंत्रालयों में अपने काम की अमिट छाप छोड़ी है। रेल मंत्रालय में उन्होंने जो काम किया, वह सब जानते हैं। उनके काम और आकर्षण को हम शब्दों में बयां नहीं कर सकते। मुसीबत और दुख के समय माधव राव सबसे पहले फोन करते थे। आज संसद में माधव की ज्योति को अनुभव कर रहा हूं। आज दुनिया सिंधिया परिवार की सेवा परंपरा का लोहा मांगती है।
*जीवाजी राव की प्रतिमा के अनावरण को बताया भावुक करने वाला पल*
अपने ग्वालियर दौरे पर प्रतिमा का अनावरण करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि आज हमने जीवाजी राव की प्रतिमा का अनावरण किया है। जीवाजी राव ने देश की आजादी के बाद जनता की सेवा और शिक्षा के लिए अच्छा काम किया है। मूर्ति का अनावरण करना आज मेरे भावुक करने वाला पल है। सिंधिया जानते थे की शिक्षा सामानता जागरूकता लाती है
*ज्योतिरादित्या सिंधिया की भी प्रशंसा की*
जगदीप धनखड़ ने कहा कि आज ज्योतिरादित्य सिंधिया भी माधव के नक्शे कदम पर चल रहे हैं। सिंधिया के पास भविष्य के लिए विजन है। आज भविष्य के लिए ठोस विजन की जरूरत भी है, क्वालिटी एजुकेशन की जरूरत है। आज जनता को चाहिए कि वह शिक्षा को व्यवसाय के बजाय सेवा के रूप में ले। उन्होंने ग्वालियर में यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स को भारतीय संसद में भी आने के लिए आमंत्रित किया।