प्रदेश सरकार के नशा मुक्ति अभियान की सुसनेर में उड़ रही धज्जियां
सुसनेर, 15 दिसंबर. इन दिनों प्रदेश सरकार द्वारा चलाए जा रहे नशा मुक्ति अभियान की मुहिम स्थानीय स्तर पर शोबाजी बनकर रह गई है. पुलिस के द्वारा नागरिकों को नशा न करने के लिए जागरूक तो किया जा रहा है, परन्तु क्षेत्र में शराब माफियाओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है.
बता दें आबकारी ठेकेदार और अवैध शराब विक्रेताओं की मिलीभगत से अवैध रूप से शराब बिक्री जोरों पर कराई जा रही है. जिसमें पुलिस की भी मौन स्वीकृति रहती है. नगर के लगभग सभी वार्डों, गली मोहल्लों मे अवैध शराब का कारोबार फल फूल रहा है, जिससे युवा पीढ़ी नशे की गिरफ्त में फंसती जा रही है. जब से आबकारी विभाग द्वारा एक नई तरीके से ठेके आवंटित किए गए हैं. उस समय इन ठेकेदारों को आबकारी नियम व क़ानून के तहत शराब का ठेका आवंटित किया गया था, लेकिन वर्तमान मे आबकारी ठेकेदार द्वारा उन सभी नियमों व शर्तो की धज्जियां उड़ाते हुए नगर में जगह-जगह कमीशनखोरी पर अवैध रूप से शराब बिकवाने पर उतारू हो गए हैं. इसके अलावा कुछ अवैध शराब विक्रेता घरों में भी एक फोन कॉल पर ही शराब की डिलीवरी कर रहे हैं. नगर मे कई अंग्रेजी और देसी शराब के ठेके खुले हुए हैं, लेकिन वर्तमान मे अगर देखा जाए तो शासन-प्रशासन को ठेंगा दिखाकर आबकारी ठेकेदार द्वारा हर वार्ड मे अवैध रूप से शराब बिक्री कमीशन पर जोरों से कराई जा रही है, जिससे यह ज्ञात होता है कि पुलिस प्रशासन भी इस अवैध कारोबार मे लिप्त है.
युवा और बच्चे भी हो रहे शिकार
इस पूरे मामले में बेहद गंभीर विषय यह है कि जगह-जगह बिकने वाली शराब पर किसी तरह की कार्यवाही नहीं होने के कारण युवाओं के साथ-साथ बच्चे भी नशे के आदी होते जा रहे हैं. इसके चलते कई स्वजन भी परेशान होने लगे हैं. नशे में तेज गति से वाहन चलाने पर क्षेत्र में आए दिन कई मौतें होती हैं, जिनमें अधिकतर युवा और नाबालिक बच्चे शामिल हैं. सब कुछ जानने के बावजूद भी इस मामले को लेकर जिम्मेदारों की चुप्पी भी उन्हें संदिग्धता के कठघरे में लाकर खड़ा कर रही है कि आखिर क्या वजह है इन पर कार्रवाई नहीं की जा रही है. नगर के मध्य और आस पास सुनसान इलाके तथा संकरे रास्ते रात के अंधेरे में मदिरा प्रेमियों के खास अड्डा बनते जा रहा है. मदिरा प्रेमियों को सुनसान क्षेत्र में खुलेआम बैठकर शराब पीते आसानी से देखे जा सकते हैं.
ग्रामीण इलाकों में भी जमाई पैठ
बता दें कि ग्रामीण इलाकों में शराब ने इस कदर अपनी पैठ जमा ली है कि इसकी चपेट में युवा और नाबालिग बच्चे भी आ रहे हैं. वहीं गांव में चल रहे अवैध शराब की बिक्री की वजह से इन्हें आसानी से शराब उपलब्ध हो जाता है. ऐसे में पुलिस और आबकारी विभाग को इन पर सख्त कार्रवाई करने की आवश्कता है.
खुलेआम बिक रही अवैध शराब…
नगर मे न्यू बस स्टैंड पर तहसील एवं कोर्ट रोड पर पार्क के समीप बनी नगर परिषद की दुकानों के समीप रोड के किनारे गुमटी में, शासकीय कार्यालयों, स्कूलों सहित धार्मिक स्थलों के सामने खुलेआम अवैध शराब बिक रही है. जानने के बाद भी आबकारी विभाग इस ओर ध्यान नहीं दे रहा. इससे शराब माफियाओं का हौसला बढ़ता जा रहा है. नगर और आसपास का इलाका अवैध शराब बेचने वालों का गढ़ बनता जा रहा है. इतना ही नहीं शासकीय कार्यालयों के सामने बेची जा रही शराब को खरीदने शासकीय अधिकारी व कर्मचारी पहुंच रहे हैं.
शिकायत के बाद भी पुलिस नहीं करती कार्यवाही
कांग्रेस नेता इरशाद मोहम्मद सेठी काजी का कहना है कि मोहल्ले के लोगों एवं रहवासियों द्वारा थाना प्रभारी केसर राजपूत एवं एसडीओपी देवनारायण यादव को लिखित में आवेदन के बावजूद गुमटी में शराब बेचने वालों के विरूद्ध कोई ठोस कार्यवाही नहीं की जाती है. पहले तहसील रोड पर गुमटी में शराब बिकती थी, जिसे पुलिस के सहयोग से अब बस स्टैंड पर नगर परिषद की नवीन दुकानों के समीप मौके पर गुमटी लगवा कर धड़ल्ले से शराब बेची जा रही है, जिसके कारण रात्रि 8 बजे वाद शराबियों के गुमटी के सामने जमावड़े के कारण लोगों का एवं महिलाओं का निकलना दुश्वार हो गया है. परन्तु पुलिस को लोगों की तकलीफ से कोई मतलब नहीं, उन्हें तो बस शराब ठेकेदार एवं अवैध शराब बेचने वालों से मिलने वाले अपने कमीशन से मतलब है.
इनका कहना है
क्षेत्र मे अवैध कार्य करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा. पुलिस द्वारा चैकिंग कर उचित कार्यवाही की जाएगी. तहसील रोड पर भी अवैध शराब बेचने की शिकायत मिली है. उसकी जांच कर कार्यवाही की जाएगी.
– केसर राजपूत, थाना प्रभारी, सुसनेर.