
अब तक 22932 स्टूडेंट में से अभी तक 9084 स्टूडेंट की ही अपार आईडी बनी
नलखेड़ा, 21 जनवरी. क्षेत्र के सरकारी व प्राइवेट स्कूलों में अपार आईडी कार्ड बनवाने का कार्य चल रहा है. केंद्र सरकार की एक देश एक स्टूडेंट आईडी की योजना के तहत बनाए जा रहे हैं. यह आईडी कार्ड हर छात्र छात्राओं के लिए बड़े काम के हैं. इससे उनकी स्टूडेंट्स लाइफ बेहद आसान होने वाली है, अपार आईडी कार्ड का फुल फॉर्म है ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री. यह आधार कार्ड की तरह ही होगा. इस कार्ड पर संबंधित स्टूडेंट्स की यूनिक आईडी मेंशन होगी. बता दें कि यह कार्ड प्राइमरी से लेकर हायर एजुकेशन तक के छात्र छात्राओं के लिए बनाया जाएगा.अपार आईडी ही बच्चों की पहचान होगी. जो बच्चे की पूरी शिक्षा ग्रहण के दौरान काम में आएगी यह यूनिक नंबर डिजी लॉकर के लिंक से जुड़ा रहेगा.
हालांकि क्षेत्र में सरकारी व प्राइवेट स्कूलों में पढऩे वाले बच्चों की अपार आईडी बनाने के कार्य को शिक्षा विभाग गंभीरता से नहीं ले रहा है. एक क्लिक पर विद्यार्थियों की संपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराने के मकसद से 12 अंकों की अपार आइडी बनाई जा रही है.
सरकारी एवं निजी विद्यालयों में पढऩे वाले विद्यार्थियों को यह आइडी जारी की जाएगीए लेकिन इसको लेकर अधिकांश स्कूल गंभीर नहीं हैं, खासकर निजी स्कूल में गंभीर लापरवाही है. कुछ निजी स्कूल में तो एक भी आइडी नहीं बनी है.तहसील के निजी व शासकीय स्कूलों में 22932 स्टूडेंट में से अभी तक 9084 स्टूडेंट की ही अपार आईडी बनी है.
दरअसल, स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा वन नेशन वन स्टूडेंट की तर्ज पर विद्यार्थियों के लिए अपार यानी ऑटोमेटिक परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री आइडी कार्ड जारी किए जाएंगे. इसको लेकर तहसीलों क्षेत्र में कवायद हो रही है. लेकिन जिम्मेदार इसको लेकर गंभीर नहीं है. जिले में अब तक 9084 विद्यार्थी ही कार्य हो सका है. विभाग ने सितंबर 2024 में आइडी का कार्य शुरू किया था और 31 दिसंबर 2024 समय सीमा निर्धारित की गई थी. नलखेड़ा क्षेत्र में तक 13848 आइडी और बनना है लेकिन 9084 बनी है.
अपार आईडी कार्ड में ये डिटेल्स होगी मेंशन
अपार आईडी कार्ड में नाम, पता, फोटो के साथ-साथ छात्र-छात्राओं की एकेडिमक से लेकर स्पोट्र्स तक की हर छोटी बड़ी डिटेल होगी. साथ ही मार्कशीट, कैरेक्टर सर्टिफिकेट, स्कूल ट्रांसफर सर्टिफिकेट सहित अन्य दस्तावेज भी मौजूद होंगे. अगर कोई छात्र एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिवटीज, ओलिंपियाड या फिर अगर किसी स्पोट्र्स में नेशनल या इंटरनेशनल लेवल पर खेलता है तो इसकी जानकारी भी इस आईडी कार्ड में दर्ज कराई जाएगी.
इसी तरह शासन को भी इसके कई लाभ होंगे. हरेक छात्र की जानकारी सरकार के पास होगी. इससे डुप्लीकेसी पर रोक लगेगी. छात्र एक राज्य से दूसरे राज्य चला जाएगा तो वहां दाखिला लेते ही तुरंत उसकी जानकारी सामने आ जाएगी कि उक्त छात्र किसी राज्य के किसी जिले के किस स्कूल में पंजीकृत है. इससे बच्चे का नाम दो जगह नहीं दर्ज हो पाएगा. इसी दर्ज आधार पर सरकार को बच्चों के लिए योजनाएं बनाते समय भी मदद मिलेगी.
इस आईडी में विद्यार्थी के सभी दस्तावेज सुरक्षित रहेंगे.
आइडी बनाने का कार्य स्कूलों को दिया गया है जो यू डाइस प्लस पोर्टल के जरिए बनाई जा रही है. इसमें इस बात का ध्यान रखा जा रहा है कि आधार कार्ड में उपलब्ध डाटा जैसे विद्यार्थी का नामए माता पिता मोबाइल नंबर एक जैसा होना चाहिए, जिससे की आइडी कार्ड बनने में दिक्कत ना हो.अपार आइडी यू डाइस प्लस पोर्टल के डाटा के आधार पर बन रहा है. पोर्टल और आधार कार्ड की जानकारी के डालने के बाद आइडी बनता है, लेकिन पोर्टल और आधार कार्ड की जानकारी में अंतर आने से आइडी जनरेट नहीं हो रही है, जैसे स्टूडेंट का नाम, माता पिता का नाम, सरनेम में बिंदी का अंतर या फिर स्पेलिंग आधार और पोर्टल के डाटा में अलग अलग है. ऐसी स्थिति में अपार आइडी जनरेट नहीं होगी.
इनका कहना है…
अपार आइडी का कार्य चल रहा यह महत्वपूर्ण कार्य है.कुछ तकनीकी दिक्कत आने के कारण कार्य रुक गया था. सरकारी और निजी स्कूलों के विद्यार्थियों का यूनिक आइडी कार्ड बन रहा है. प्रगति को लेकर समय समय पर बैठक ली जा रही है. निजी स्कूलों को चेतावनी दी गई है कि कार्य तेजी से करें और गंभीरता से ले.
– चंद्रबाला फाफरिया, बीआरसी ऑफिस नलखेड़ा
अपार आईडी बन जाने से यह होगा फायदा
अपार आईडी कार्ड बन जाने से विद्यार्थियों को किसी भी जगह या अन्य स्टेट व देश में किसी भी जगह जाने पर अपने ओरिजनल शैक्षणिक दस्तावेज साथ लेकर चलने की जरूरत नहीं होगी. किसी भी जगह से यूनिक आईडी कार्ड से विद्यार्थी के संबंध में सभी जानकारी एक क्लिक में मिल जाएगी. अपार आईडी कार्ड डिजी लॉकर से जुड़ा रहेगा. एक बार अपार आईडी बन जाने के बाद विद्यार्थी स्कूल से लेकर कॉलेज जहां तक पढ़ाई करेगा, वहीं आईडी ही उसके काम आएगी.
इसलिए बना रहे आईडी
सरकारी और निजी विद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों के संपूर्ण शैक्षणिक उपलब्धि की जानकारी को एक साथ रखना उद्देश्य है. 12 अंक की आइडी से विद्यार्थी कहीं भी किसी जगह से किसी समय अपने शैक्षणिक दस्तावेजों को आसानी से प्राप्त कर सकेंगे. एक विद्यालय से दूसरे विद्यालय में स्थानांतरण के दौरान प्रक्रिया काफी सरल सहज रहेगी. यूनिक आइडी कार्ड विद्यार्थी के लिए शैक्षणिक संस्थानों के मध्य स्थानांतरण, नौकरी एवं उच्च शिक्षा आवेदनों के समय भी मददगार होगी.
