एसडीएम ने जांच में समिति गठन को बताया था गलत,
डीआर कार्यालय पहुंचकर शिकायत
नवभारत, बालाघाट। बालाघाट में उकवा क्षेत्र में बुधवार दोपहर 2 बजे सरस्वती स्वसहायता मछुआ समिति के अध्यक्ष और सदस्य, मुख्यालय में डीआर कार्यालय पहुंचे। उन्होंने सोनपुरी आरएस मांझी सहकारी समिति मर्यादित का पंजीयन निरस्त की मांग की है। उनका कहना है कि एसडीएम की जांच में भी समिति के गठन को गलत बताया गया है। बावजूद समिति का रजिस्ट्रेशन कैंसिल नहीं किया गया है। आरोप लगाया कि इसमें डीआर कार्यालय के कर्मी मिले हैं।
सरस्वती स्वसहायता मछुआ समिति अध्यक्ष करुणा बर्वे ने बताया कि हमारी समिति का गठन साल 2006 में किया गया था। इस दौरान राधेश्याम बर्वे अध्यक्ष थे। उनके निधन के बाद उनके बेटे भागवत बर्वे अध्यक्ष बने, लेकिन उन्होंने इससे अलग अपनी आर.एस. मांझी सहकारी समिति मर्यादित सोनपुरी के नाम से गठन कर लिया। इसे लेकर कलेक्टर से शिकायत की। इसकी जांच एसडीएम ने की। एसडीएम ने समिति के गठन को अवैधानिक मानते हुए पंजीयन निरस्त करने को कहा। बावजूद डीआर इसे लेकर गंभीर नहीं है। उन्होंने बताया कि यह मामला जेआर जबलपुर में भी चल रहा है।
कैसे हो गया गठन
समिति अध्यक्ष करुणा बर्वे ने बताया कि नियमानुसार 8 किलोमीटर के दायरे ही नई समिति का गठन होता है, जबकि आरएस मांझी सहकारी समिति मर्यादित सोनपुरी का गठन महज आधा किलोमीटर में किया गया है। इसमें भी हमारी समिति के गांवों को शामिल किया गया है। जिसके गठन पंजीयन को चुनौती देते हुए हम समिति का पंजीयन निरस्त करने की मांग कर रहे हैं।
दो तालाब में कैसे करें जीविकोपार्जन
करुणा बर्वे ने बताया कि आरएस मांझी सहकारी समिति मर्यादित ने उनके समिति के 11 गांव ले लिए हैं। 14 तालाब उनके पास हैं, जिससे 16 में केवल हमारे पास दो तालाब हैं, जिससे हम, 42 परिवार जुड़े हैं। सभी मछुआरे हैं, जिनका जीविकोपार्जन, दो तालाब से संभव नहीं है। इस कारण पलायन जैसी स्थिति पैदा हो रही है।