अहमदाबाद, 09 दिसंबर (वार्ता) पश्चिम रेलवे में पेंशनरों के लिए विशेष ‘डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट’ अभियान शुरू किया गया।
मुख्य जनसंपर्क अधिकारी विनीत अभिषेक द्वारा सोमवार को यहां जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार पेंशनरों को पेंशन का लाभ उठाने के लिए बैंकों में जीवन प्रमाण पत्र जैसा महत्वपूर्ण दस्तावेज जमा करना जरूरी होता है। कागजी कार्रवाई कभी-कभी बुजुर्गों के लिए शारीरिक रूप से बैंक तक पहुंचने की एक थकाऊ और चिंताजनक प्रक्रिया हो सकती है। इस प्रक्रिया में पेंशनर को नवंबर के महीने में एक बार बैंक जाकर अपने जीवित होने के प्रमाण के रूप में अपना जीवन प्रमाण पत्र जमा करना होता है। यदि पेंशनर महीने के अंत तक बैंक में जीवन प्रमाण पत्र जमा नहीं कर पाता है, तो उसे कार्यालय जाकर पेंशन शुरू करने के लिए लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है।
पश्चिम रेलवे द्वारा हाल ही में पेंशनरों/पारिवारिक पेंशनरों के लिए पश्चिम रेलवे के विभिन्न मंडलों और इकाइयों में विशेष डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट (डीएलसी) अभियान 3.0 शुरू किया गया। पेंशनरों की सुविधा और लाभ के लिए डिजिटल रूप से अपना जीवन प्रमाण पत्र जमा करने के लिए इस अभियान को विभिन्न प्लेटफॉर्मों, पेंशनर्स एसोसिएशनों और सोशल मीडिया पर प्रचारित किया जा रहा है।
श्री विनीत ने कहा कि इस प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए पश्चिम रेलवे ने एक विशेष डीएलसी अभियान शुरू किया, जिसमें पेंशनरों को अपने घर बैठे ही नियत तारीख से पहले अपना जीवन प्रमाण पत्र जमा करने के महत्व के बारे में जागरूक किया गया। सभी छह मंडलों यानी मुंबई सेंट्रल, वडोदरा, अहमदाबाद, रतलाम, भावनगर और राजकोट मंडलों और पश्चिम रेलवे की पांच इकाइयों में कार्मिक विभाग के समन्वय से लेखा विभाग के कर्मचारियों द्वारा एक पूर्णकालिक डीएलसी अभियान चलाया गया।
आयोजन स्थल के आसपास कई शिविर लगाए गए और बैंकों में सुविधा केंद्र स्थापित किए गए, जिससे पेंशनरों/पारिवारिक पेंशनरों के लिए अपना जीवन प्रमाण पत्र डिजिटल रूप से जमा करना आसान और सुचारू हो गया। इन इकाइयों द्वारा सेमिनार, बैंकों के शाखा प्रबंधकों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और बैंकों में सुविधा काउंटर स्थापित करने जैसे विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए। ये शिविर बोरीवली, विरार जैसे व्यस्त उपनगरों के साथ-साथ नंदुरबार, अमलनेर, व्यारा आदि जैसे दूरदराज के स्थानों पर भी आयोजित किए गए। पश्चिम रेलवे के विभिन्न मंडलों और कारखानों में विभिन्न स्थानों और स्टेशनों पर कई शिविर, सेमिनार और बैंकों में सुविधा काउंटर भी लगाए गए। इन शिविरों में लगभग 1500 पेंशनरों ने भाग लिया और लगभग 900 पेंशनरों ने अपना जीवन प्रमाण पत्र डिजिटल रूप से जमा किया।
अभियान का एक मुख्य उद्देश्य यह था कि इसने पेंशनरों के बीच नियत तिथि से पहले जीवन प्रमाण पत्र जमा करने के महत्व के बारे में जागरूकता पैदा कि जाये। व्यापक प्रचार के माध्यम से, कई पेंशनरों ने बैंक गए बिना अपने घर से ही अपने एंड्रॉइड डिवाइस के माध्यम से अपना डीएलसी जमा किया है और व्हाट्सएप के माध्यम से अन्य पेंशनरों से प्रक्रिया और लाभ भी साझा किए हैं। इस अभियान में एनपीएस (राष्ट्रीय पेंशन योजना) के पारिवारिक पेंशनर भी शामिल थे।
उन्होंने आगे बताया कि लेखा विभाग ने विभिन्न रेलवे अस्पतालों में भी अभियान चलाया। कुछ पेंशनर लंबे समय से वार्ड और आईसीयू में इलाज करा रहे हैं और वे बैंक जाकर शारीरिक रूप से जीवन प्रमाण पत्र जमा करने की स्थिति में नहीं हैं। वे अब एंड्रॉइड मोबाइल के माध्यम से जीवन प्रमाण पत्र जमा करने की प्रक्रिया कर सकते हैं। यह पहली बार था जब पेंशनरों के लिए रेलवे अस्पतालों में यह पहल शुरू की गई थी। इस अभियान को पेंशनरों की ओर से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली, जिससे पश्चिम रेलवे द्वारा चलाया गया यह डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट अभियान 3.0 एक बड़ी सफलता बन गया।