भोपाल, 26 नवम्बर (वार्ता) मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने किसानों के मुद्दे को लेकर केंद्र और राज्य सरकार पर हमला बोलते हुए आज कहा कि दोनों स्थानों की भारतीय जनता पार्टी सरकारें खेती-किसानी पर गहरा आघात कर रही हैं, किसानों को ना तो पर्याप्त समर्थन मूल्य मिल रहा है और ना ही उन्हें समय पर खाद उपलब्ध हो रहा।
श्री पटवारी ने यहां संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि खेती की लागत इतनी बढ़ा दी गई है कि किसानों का लागत मूल्य भी नहीं निकल पा रहा है। प्रदेश के किसान कई-कई दिनों तक खाद लेने के लिए कतारों में खड़े हैं। राज्य में रबी सीजन में गेहूं, चना, मटर, सरसों, गन्ना, अलसी इत्यादि प्रमुख फसलें उत्पादित की जाती है, पर डीएपी खाद का गहरा संकट है।
उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में रबी सीजन में भारत सरकार द्वारा 8 लाख मेट्रिक टन डीएपी उपलब्ध कराने की सहमति प्रदान की थी, मगर 20 नवंबर तक मात्र 4.57 लाख मेट्रिक टन डीएपी उपलब्ध कराई गई और अब तक प्रदेश में मात्र 2.91 लाख मेट्रिक टन डीएपी का विक्रय किया गया।
उन्होंने राज्य में यूरिया की कमी का भी आरोप लगाया। उन्होंने आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि केंद्र और प्रदेश की भाजपा सरकारों ने खेती को और किसानों की आमदनी को गहरे संकट में डाल दिया है।
श्री पटवारी ने आरोप लगाया कि तीन कृषि विरोधी कानूनों के विरोध में पैदा हुए किसान आंदोलन के एवज में भाजपा की बदला लेने की मंशा के चलते पिछले दो साल में खाद की सब्सिडी में कटौती की गई।
श्री पटवारी ने सोयाबीन किसानों के साथ सौतेले व्यवहार का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कृषि मंत्री और प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोयाबीन का समर्थन मूल्य चार हजार 892 रूपये प्रति क्विंटल खरीदने का किसानों को आश्वासन दिया था, लेकिन अब पता चला है कि केंद्र की ओर से राज्य से ज्यादा सोयाबीन खरीदने की अनुमति ही नहीं दी गई है।