मुंबई, (वार्ता) बॉलीवुड अभिनेत्री मनीषा कोईराला का कहना है कि अभिनेताओं को पुराने ढर्रे से हटकर नए माध्यमों के साथ प्रयोग करना चाहिये।
55वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (ईफ्फी) में रविवार को कला अकादमी के खचाखच भरे ऑडिटोरियम में मनीषा कोइराला और फिल्म निर्माता विक्रमादित्य मोटवानी ने शिरकत की। फिल्म जगत के इन दो दिग्गजों ने ‘बड़े पर्दे से लेकर स्ट्रीमिंग तक’ विषय पर एक ज्ञानवर्धक ‘इन-कन्वर्सेशन’ सत्र में भाग लिया।
इस चर्चा में मनीषा कोइराला ने बताया कि थिएटर में रिलीज़ होने वाली फिल्मों और ओटीटी प्लेटफ़ॉर्म पर सीरीज या फिल्मों के लिए अभिनेताओं से समान स्तर के प्रयास, तैयारी, ईमानदारी और मानसिकता की आवश्यकता होती है। उन्होंने बताया, मेरे 30 साल के करियर में, हीरामंडी सबसे बड़ा सेट था, जिस पर मैंने काम किया है। ”
उन्होंने दोनों अनुभवों के प्रति अपना प्यार भी व्यक्त करते हुये कहा, “ मुझे थिएटर जाना पसंद है, लेकिन मुझे घर पर बैठकर अच्छा कंटेंट देखना भी पसंद है। दोनों का अपना महत्व है और ओटीटी पर उत्कृष्ट सामग्री का खजाना उपलब्ध है। मैं ओटीटी कंटेंट को लगातार देखती हूं। ”
मनीषा से जब पूछा गया कि क्या अभिनेता अभी भी ओटीटी शो में काम करने से कतराते हैं, तो उन्होंने खुलकर जवाब दिया कि इंडस्ट्री में इस बारे में चर्चा चल रही है। उन्होंने बताया कि किसी भी नये और अपरिचित काम को शुरू में अक्सर संदेह की दृष्टि से देखा जाता है, लेकिन अच्छे परिणाम लोगों को इसे अपनाने के लिये प्रोत्साहित करते हैं। उन्होंने माना कि स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म पर प्रोजेक्ट को लेकर फिल्म उद्योग में अभी भी कुछ आशंकायें हैं। हालांकि उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह कुछ पीढ़ियों में खत्म हो जायेगा। ”
मनीषा और विक्रमादित्य मोटवानी दोनों ने कहा कि शाहिद कपूर, आलिया भट्ट और वरुण धवन सहित कई अभिनेता पहले ही ओटीटी प्लेटफार्मों पर रिलीज हुई फिल्मों में अभिनय कर चुके हैं, जो इस माध्यम की बढ़ती स्वीकृति का संकेत है।
मनीषा ने कहा कि पहले वरिष्ठ अभिनेत्रियों को जो भूमिकायें दी जाती थीं, उनकी तुलना में अब बड़ी उम्र की महिलाओं के लिए भूमिकायें विकसित हो रही हैं।
उन्होंने कहा, “ दर्शकों की बदौलत ओटीटी धीरे-धीरे पुराने ढर्रे को तोड़ रहा है। सिनेमा में भी अब उम्रदराज अभिनेताओं को अधिक महत्वपूर्ण भूमिकायें दी जा रही हैं। नब्बे और 2000 के दशक के मुकाबले बहुत कुछ बदल गया है। सीखने के लिये बहुत कुछ है। ”
विक्रमादित्य मोटवानी ने पूछा कि क्या ओटीटी प्लेटफॉर्म पर काम करना बड़े पर्दे से ‘नीचे उतरने’ जैसा लगता है, तो मनीषा ने जवाब दिया, अब अभिनेताओं को पुराने ढर्रे से हटना चाहिये। मैं सिर्फ एक शैली तक सीमित नहीं रहना चाहती थी। एक अभिनेता के तौर पर आप अलग-अलग पहलुओं को तलाशना चाहते हैं। उन्होंने कहा,“ स्ट्रीमिंग एक गेम चेंजर साबित होने जा रही है। यह नये अवसर खोल रही है और उभरते फिल्म निर्माताओं, लेखकों और अभिनेताओं को सुर्खियों में आने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। ”