क्राइम डिपार्टमेंट और साइबर सेल की तकनीक को भी बता रहे धता
उज्जैन: हेलो कौन बोल रहे हैं जी …क्या आपने अवंतिका गैस का बिल भुगतान कर दिया है… क्या आपने एमपीईबी का बिल भर दिया है ,यदि आपने भुगतान कर दिया है तो हमारे कंप्यूटर में शो नहीं हो रहा है… कृपया स्क्रीनशॉट भेज दीजिए… हम आपके वाट्सएप नंबर पर हाय भेज रहे हैं.बस इसी के बाद शुरू होता है ठगी का खेल, कभी एमपीईबी के नाम से तो कभी अवंतिका गैस कंपनी के नाम पर, यह कभी किसी और डिपार्टमेंट के नाम पर फ्रॉड करने के नए-नए तरीके बदमाशों द्वारा ईजाद किया जा रहे हैं.
नवभारत से शहर के दर्जनो पीड़ित प्रताड़ित लोगों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि दिनभर ऐसे कई फ्रॉड फोन कॉल्स आते हैं जो कभी एमपीईबी के नाम से तो कभी अवंतिका गैस एजेंसी के नाम से बिल बकाया होने की बात करते हैं । जब लोगों की तरफ से बदमाशों को मन माफिक जवाब नहीं मिलता है तो वह चिढ़ जाते हैं ।डराते हैं धमकाते हैं ,और यदि झांसे में आ जाओ तो लाखों करोड़ों की चपत लगा देते हैं, जिसकी शिकायत कई बार थाने से लेकर साइबर सेल तक की गई है बावजूद इसके जिम्मेदारो द्वारा आवेदन लेकर इति श्री कर ली जाती है।
अवंतिका कंपनी से चर्चा
जब इस संबंध में अवंतिका गैस कंपनी के जिम्मेदारों से चर्चा की तो उन्होंने कहा कि हमारे यहां पर सीधे मोबाइल से फोन करने का कोई सिस्टम नहीं है ।हमारे यहां से उसी कंडीशन में फोन कॉल्स जाते हैं,जब कोई शिकायत होती है , बिल न भरने की दशा में हम कानूनी प्रक्रिया करते है. नोटिस आदि दिए जाते हैं। हमारे हितग्राहियों को हम कभी डराते नहीं है ,ना ही उन्हें बिल भरने के लिए फोर्स करते हैं ,नॉर्मल कॉल जाता है, वह भी लैंडलाइन नंबर से, साथ ही हम गैस कंपनी द्वारा प्रदाय किया गया नंबर भी पूछते हैं ,और हितग्राही को शिकायतों के मामले में भी संतुष्ट करते हैं.
एमपीईबी का कोई नाम ले तो शिकायत करें
नवभारत ने इस संबंध में उज्जैन एमपीईबी के अधिकारियों से चर्चा की तो उन्होंने कहा कि हमारे यहां पर तो अधिकतर ऐसा सिस्टम बना हुआ है कि बकाया बिल होने पर सीधे स्मार्ट मीटर के माध्यम से लाइट बंद हो जाती है, हितग्राही खुद चलकर आता है भुगतान करता है बिल भरने के बाद ही लाइट चालू होती है. यदि कुछ बदमाश लोग फोन कॉल्स करके एमपीईबी का नाम लेते हैं तो उसकी शिकायत बिजली उपभोक्ताओं को तुरंत करना चाहिए.
दूसरे प्रदेशों के बदमाश कर रहे ठगी
उज्जैन समेत पूरे मध्य प्रदेश में ऐसे लोग ठगी को अंजाम दे रहे हैं जो झारखंड उत्तर प्रदेश और बिहार में निवास करते हैं. अधिकतर यह लोग कम पढ़े लिखे होते हैं या अशिक्षित होते हैं ,बावजूद इसके तकनीक का ऐसा इस्तेमाल करते हैं कि कई लोग इनके बहकावे में आ जाते हैं ,कई बार फोन कॉल सुनकर डर जाते हैं और स्क्रीनशॉट भेज देते हैं या बताए गए नंबर पर पैसे ट्रांसफर कर देते हैं और ठगी का शिकार हो जाते हैं, उज्जैन पुलिस से लेकर मध्य प्रदेश की अपराध शाखा बड़े मामलों में कार्रवाई भी करती है बावजूद इसके छोटे मामले जांच में दबकर रह जाते हैं.
तत्परता से करते हैं समस्या का समाधान
आमजन यदि फ्राड मामलो की शिकायत करते हैं तो पहले उसकी जांच की जाती है, पुष्टि होने के बाद हम एफआईआर दर्ज करते हैं ,और संबंधित मामले की जांच करते हैं ,उज्जैन में ऐसे कई उदाहरण है जिनके रुपए हमने वापस दिलवाएं हैं और ठगी करने वाले बाहरी प्रदेशों से भी बदमाशों को लाकर जेल भेजा है। आम जनता में जागरूकता लाने के लिए भी पुलिस अभियान चलाती है.
– प्रदीप शर्मा , एसपी उज्जैन