निजी स्वास्थ्य केंद्र में इलाज के दौरान मौत

 

परिजनों ने लगाए अस्पताल प्रबंधन पर गलत उपचार और लापरवाही के आरोप

 

तेंदूखेड़ा (दमोह)। तेंदूखेड़ा नगर के खरे स्वास्थ्य केंद्र में दुर्घटना में घायल व्यक्ति की मौत हो जाने पर मृतक के परिजनों ने गलत उपचार सहित लापरवाही के गंभीर आरोप अस्पताल प्रबंधन पर लगाए हैं।  मृतक के परिजनों का अस्पताल प्रबंधन से 2 घंटे से अधिक समय तक विवाद होता रहा, स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि पत्थरबाजी तक हो गई साथ ही अस्पताल के एक कर्मचारी डॉक्टर केवट के साथ परिजनों ने मारपीट कर दी, इसके बाद परिजन तारादेही रोड स्थित स्वास्थ्य केंद्र के सामने मृतक का शव रखकर जाम लगाने की बात करने लगे। सूचना मिलने पर तेंदूखेड़ा थाने के टीआई विजय अहिरवार पहुंचे और उन्होंने परिजनों को समझाइश देकर शव को शासकीय सामुदायिक केंद्र पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया।

ये है मामला

मंगलवार को प्रवीण उम्र 59 भागचंद जैन खेत से टैक्टर में आकर तारादेही में उतरकर घर की ओर जा रहा था तभी रोड पर तेज रफ्तार माल वाहक ने उनको टक्कर मारकर गंभीर रूप से घायल कर दिया। घायल को परिजन निजी स्वास्थ्य केंद्र तेंदूखेड़ा लेकर आए और भर्ती कराकर इलाज कराने लगे, आज बुधवार सुबह घायल की मौत हो गयी।

परिजनों ने ये लगाए आरोप

व्यक्ति की रात में तबियत ज्यादा खराब होने पर कोई डॉक्टर नहीं आया, दमा की बीमारी थी, पर प्रबंधन के कर्मचारियों ने सांस लेने में तकलीफ के चलते ऑक्सीजन की जगह मास्क लगा दिया जिससे मरीज की दम घुटने से मौत हो गई।

बिना पुलिस को सूचित किए किया भर्ती

मामले में प्रमुख बात ये है कि जब भी दुर्घटना में घायल कोई व्यक्ति अस्पताल में आता है तो उसकी जानकारी पुलिस को दी जाती है, परन्तु निजी अस्पताल ने तारादेही पुलिस को कोई सूचना नहीं दी जबकि व्यक्ति 18 घंटे से अधिक समय अस्पताल में इलाजरत रहा, न ही तेंदूखेड़ा पुलिस को कोई जानकारी दी। न ही कुछ मीटर दूर सरकारी स्वास्थ्य केंद्र के डाक्टरों को   बताया गया।

 

पूर्व में भी कई घटनाएं हो चुकी हैं

उपस्थित कई लोगों ने बताया कि अस्पताल में पूर्व में भी ऐसी कई घटनाएं हो चुकी हैं, शुक्रवार को इलाज के दौरान एक आठ माह के बच्चे की गलत इंजेक्शन लगाने से मौत, वार्ड 12 बम्होरी वाले पंडित की गलत इलाज के बाद तबियत बिगडऩे पर जबलपुर रेफर करने पर उनकी जबलपुर में मौत सहित लोगों ने दर्जनों मामलों में अस्पताल प्रबंधन पर  इलाज के नाम पर ग्लूकोस की बॉटल इंजेक्शन लगाकर अधिक राशि वसूल कर गंभीर स्थिति में होने पर जबलपुर रेफर के आरोप लगाए।

मृतक के पुत्र अंकित ने बताया कि अस्पताल ने 8000 रुपए जमा कराए थे, बहु सीमा ने बताया कि तारादेही में निजी डॉक्टर ने दुर्घटना का मामला होने पर भर्ती नहीं किया था। खरे अस्पताल ने ठीक होने की गारंटी ली थी।

इनका कहना है

प्रवीण को कई बीमारी थी दमा, शुगर, बीपी भी था, प्रवीण की मौत हार्ट अटैक से हुई है।

राकेश नामदेव खरे

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तेंदूखेड़ा

 

इनका कहना है

निजी स्वास्थ्य केंद्र में विवाद की जानकारी मिली थी, जहां पहुंचने पर इलाज के दौरान एक व्यक्ति  की मौत होने पर  परिजन निजी अस्पताल प्रबंधन पर गलत उपचार और लापरवाही का आरोप लगाकर विवाद कर रहे थे, जिन्हें समझाकर पंचनामा कर पोस्टमार्टम करवाया गया है। उक्त मामले में दुर्घटना करने वाला वाहन तारादेही पुलिस ने जप्त कर लिया है। पीएम रिपोर्ट आने पर मामले में उचित कार्यवाही की जाएगी।

विजय अहिरवार

टीआई, तेंदूखेड़ा

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