मंडी की बजाय व्यापारियों के गोदामों में तुल रही किसानों की उपज

कृषि उपज मंडी में टैक्स चोरी कर रहे व्यापारी

 

सुसनेर, 6 नवंबर. कृषि उपज मंडी में किसानों से कम दामों पर सोयाबीन की फसलो को खरीदने वाले गल्ला व्यापारी मंडी टैक्स की भी चोरी कर मंडी को लाखों रुपए का आर्थिक नुकसान पहुंचा रहे हैं. इतना हीं नहीं मंडी के नियमों के अनुसार किसानों की उपज मंडी परिसर में बने तोल कांटे पर तुलना चाहिए, लेकिन गल्ला व्यापारी अपने निजी गोदामों पर बने तोल कांटों पर किसानों की फसलों की तुलाई कर रहे हैं.

इस संबंध में जब मंडी सचिव राजेन्द्र शर्मा से चर्चा की गई, तो उन्होंने कहा कि मंडी का माल मंडी परिसर में बने तोल कांटे पर तुल रहा है. यदि किसी व्यापारी के द्वारा निजी तोल कांटों पर फसलों की तुलाई की जा रही है, तो उन पर कार्रवाई की जाएगी, लेकिन सवाल यह उठता है कि जब मंडी प्रशासन ने लाखों रुपए खर्च कर मंडी परिसर में ही तोल कांटा संचालित कर रखा है, तो फिर मंडी के कुछ बड़े व्यापारी किसानों का माल किसकी अनुमति से अपने निजी तोल कांटों पर तोल रहे हैं.

 

राजस्थान में बेच रहे सुसनेर मंडी का माल…

 

मंडी के कुछ व्यापारी मंडी के बाहर भी अपने निजी प्रतिष्ठानों पर सोयाबीन, गेहूं, मक्का, उड़द, मूंग व अन्य फसलों की खरीदारी करके मंडी प्रशासन को लाखों रुपए का चूना लगा रहे हैं. यहां तक कि बगैर लाइसेंस धारी गल्ला व्यापारी भी मंडी में से किसानों की फसलों को खरीदकर चोरी छिपके राजस्थान के भवानीमंडी व अन्य शहरों में बेचने के लिए ट्रकों के जरिए अपना माल भेज रहे हैं. यदि इन वाहनों की जांच की जाए, तो व्यापारी मंडी का कितना टैक्स चुरा रहे हैं. इन सब की सारी सच्चाई सामने आ सकती है.

 

पहले भी हो चुका है विवाद…

 

बता दें कि इन व्यापारियों के तोल कांटों पर किसानों की फसल तुलाई में 300 ग्राम वजन प्रति क्विंटल काटे जाने को लेकर पूर्व में भी किसानों और व्यापारियों के बीच विवाद हो चुका है. यहां तक कि आक्रोशित किसानों ने उज्जैन-झालावाड़ राष्ट्रीय राजमार्ग 552 जी पर चक्का जाम भी कर दिया था. यहां पर विधायक भैरोसिंह परिहार बापू के आश्वासन पर किसानों ने चक्का जाम स्थगित किया था, लेकिन उसके बाद भी गल्ला व्यापारियों के द्वारा अपनी मनमानी से आज भी अपने निजी तोल कांटों पर फसलो की तुलाई की जा रही है, जिससे मंडी प्रशासन को भी आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ रहा है.

 

एक ही परिवार में 2 से 3 लाइसेंस…

 

शहर की कृषि उपज मंडी में गल्ला व्यापारियों का इतना दबदबा है कि एक ही परिवार के लोगों के द्वारा 2 से 3 फर्मों के नाम से लाइसेंस बनवा रखे हैं, लेकिन टैक्स कुछ चुनिंदा ही फर्मों के माध्यम से करते हैं. कुछ ही फर्मों के माध्यम से ही फसलो की खरीदी करना भी कागजों में ही दर्शा देते हैं. मंडी में दर्ज लाइसेंसधारी में कुछ व्यापारी तो ऐसे भी हैं, जिन्होंने लाइसेंस तो मंडी में फसल खरीदी का बनवा रखा है और वे गांवो में जाकर भोले-भाले किसानों से कम दामों पर उनकी उपज की खरीदी कर रहे हंै.

 

इनका कहना है

कृषि उपज मंडी में किसानों का माल मंडी में बने तोल कांटे पर ही तोला जा रहा है. यदि कोई व्यापारी अपने निजी गोदाम पर फसल की तुलाई कर रहा है, तो उस पर कार्रवाई की जाएगी और यदि कोई व्यापारी मंडी के बाहर भी फसल की खरीदी करता हुआ पाया जाता है, तो उस भी कार्रवाई की जाएगी.

-राजेंद्र शर्मा, सचिव, कृषि उपज मंडी , सुसनेर

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