ढाका, 29 अक्टूबर (वार्ता) पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को सत्ता से बेदखल किये जाने के दो महीने से अधिक समय बाद मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली बंगलादेश की अंतरिम सरकार ने कहा है कि वह उनके पारिवारिक निवास, ‘गणभवन’ (पीपुल्स हाउस) को उनके ‘कुशासन’ का प्रतिनिधित्व करने वाले संग्रहालय में बदलने की योजना बना रही है।
श्री यूनुस ने अपने कैबिनेट के सलाहकारों के साथ सोमवार को गणभवन का दौरा किया, और घोषणा की कि निवास को संग्रहालय में बदलना देश में अवामी-लीग और सुश्री हसीना के 15 वर्षों के ‘कुशासन’ के लिए एक स्मारक के रूप में काम करेगा।
गौरतलब है कि इस आवासीय भवन की स्थापना सुश्री हसीना के पिता एवं बंगलादेश के संस्थापक और बंगलादेश के पहले प्रधानमंत्री शेख मुजीबुर रहमान ने देश की आजादी के बाद की थी। बाद में इसका इस्तेमाल देश के दो सैन्य नेताओं राष्ट्रपति जियाउर रहमान और हुसैन मोहम्मद इरशाद ने कोर्ट मार्शल कार्यालय के रूप में किया था।
सुश्री हसीना ने 1996 में अपनी पहली सरकार के गठन के बाद से ही इस इमारत का इस्तेमाल अपने निवास के रूप में किया है और पांच अगस्त को विद्यार्थियों के नेतृत्व में हुए विरोध प्रदर्शनों के बाद अचानक सत्ता से बेदखल किये जाने तक वे इसी इमारत का इस्तेमाल करती रहीं। सुश्री हसीना के हटाए जाने के बाद गणभवन वैश्विक समाचारों का केंद्र बन गया, जब हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी परिसर में घुस आए। प्रदर्शनकारियों को उनके बिस्तर और सोफे पर लेटे हुए, उनके किचन-गार्डन के तालाब से बत्तखें और मछलियाँ लेकर जाते हुए और यहाँ तक कि अपदस्थ प्रधानमंत्री के अंडरगारमेंट्स को दिखाते हुए देखा गया था।
सुश्री हसीना (77) भीड़ के उनके निवास पर पहुँचने से पहले भारत आ गयी थी। सोमोयन्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, श्री यूनुस ने कहा,“संग्रहालय में कुशासन और लोगों के गुस्से की यादें होनी चाहिए, जिसने सुश्री शेख हसीना को सत्ता से बाहर कर दिया।” उन्होंने कहा कि गणभवन संग्रहालय में ‘अयना घोर’ (ग्लास हाउस) की एक डमी भी बनाई जानी चाहिए, जहां पूर्व प्रधानमंत्री की कथित कुख्यात सुरक्षा एजेंसियों ने असंतुष्टों तथा विपक्षी सदस्यों को गुप्त रूप से हिरासत में रखा था।
जुलाई के विरोध प्रदर्शनों के लिए गणभवन को स्मारक में बदलने के अंतरिम सरकार के इरादे का संकेत देते हुए, मुख्य सलाहकार के प्रेस सचिव अबुल कलाम आज़ाद मजूमदार ने संवाददाताओं से कहा,“मुख्य सलाहकार ने सलाहकार (आदिलुर रहमान खान) को प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए विशेषज्ञों और वास्तुकारों से परामर्श करने का निर्देश दिया है।” उन्होंने कहा कि ‘अयना घोर’ प्रतिकृति को शामिल करना हिरासत केंद्रों का एक प्रतीकात्मक प्रतिनिधित्व था, जिसका उद्देश्य आगंतुकों को अवामी लीग सरकार द्वारा हिरासत में लिए गए लोगों द्वारा सहन किए गए कथित ‘यातना’ के प्रकारों के बारे में शिक्षित करना है। उन्होंने कहा कि कई लोग इस यातना में शामिल हैं। जबरन गायब होने पर आयोग जांच करेगा और पहचान करेगा कि कौन स्पष्ट रूप से शामिल हैं। उन्होंने हालांकि किसी विशेष नाम का उल्लेख नहीं किया।
अंतरिम सरकार के सदस्य सार्वजनिक रूप से कह रहे हैं कि भारत को सुश्री हसीना को ‘न्याय का सामना करने’ के लिए प्रत्यर्पित करना चाहिए, लेकिन वहां की सरकार ने इस पर चुप्पी साध रखी है। सुश्री हसीना बंगलादेश की लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित प्रधानमंत्री हैं, जबकि इसके विपरीत अंतरिम सरकार को सेना का समर्थन प्राप्त है। अंतरिम सरकार के सहयोगी इस्लामवादी विचारधारा वाले माने जाते हैं और वे सुश्री हसीना सरकार से जुड़े पूर्व मंत्रियों और वरिष्ठ नौकरशाहों को परेशान कर रहे हैं, जिनमें से कई को ‘गिरफ्तार’ भी किया गया है।