नयी दिल्ली 25 अक्टूबर (वार्ता) केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को मजबूत करने और सभी के लिए सुलभ कराने की प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा है कि केंद्र सरकार ने स्वास्थ्य सेवा को एक समग्र दृष्टिकोण में बदल दिया जो निवारक, एकीकृत और उपचारात्मक स्वास्थ्य सेवा प्रदान करता है।
श्री नड्डा ने शुक्रवार को यहां दिल्ली विश्वविद्यालय के चिकित्सा संस्थान “ यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेस” (यूसीएमएस) के 53वें स्थापना दिवस और दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि बुनियादी शिक्षा हर किसी का जन्मसिद्ध अधिकार है, लेकिन व्यावसायिक शिक्षा एक विशेषाधिकार है जो समाज केवल कुछ लोगों को देता है। उन्होंने कहा कि सरकार प्रत्येक एमबीबीएस छात्र के लिए 30-35 लाख रुपये खर्च करती है। उन्होंने नए डॉक्टरों से अपने पेशेवर करियर की शुरुआत करते समय अधिक जिम्मेदारियां उठाने का आग्रह किया। इस अवसर पर दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना भी मौजूद थे।
स्वास्थ्य मंत्री ने छात्रों से अपने काम को करुणा, ईमानदारी और समर्पण के साथ करने का आग्रह किया। उन्होंने देश में स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को मजबूत करने और यह सुनिश्चित करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई कि चिकित्सा सेवाएं सभी के लिए सुलभ हों। उन्होंने कहा, “आपके प्रयास ‘विकसित भारत’ के हमारे राष्ट्रीय दृष्टिकोण को आकार देने पर केंद्रित होने चाहिए।”
श्री नड्डा ने वर्ष 2017 में केंद्र सरकार की राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति में किए गए बदलावों के बारे में भी जानकारी दी और कहा कि स्वास्थ्य सेवा को केवल उपचारात्मक दृष्टिकोण से देखने के बजाय समग्र दृष्टिकोण से देखा जाता है, जो निवारक, एकीकृत और उपचारात्मक स्वास्थ्य सेवा प्रदान करता है।