मंगल की कामना करने वाले नहीं करते भेद- जोशी

जयपुर 12 अक्टूबर (वार्ता) राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के पूर्व सरकार्यवाह सुरेश भैय्याजी जोशी ने समाज में भेद करने वाले भाव समाप्त करने की जरूरत बताते हुए कहा है कि इससे समाज की शक्ति बढ़ेगी।

श्री जोशी शनिवार को यहां विजयादशमी पर संघ के जयपुर महानगर के झोटवाड़ा नगर में आयोजित विजयदशमी उत्सव को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा ” सबके मंगल की कामना करने वाले हम किसी में भेद कैसे कर सकते हैं। यह भेद करने वाले भाव खत्म करने होंगे। तभी हिंदू शक्तिशाली होगा।”

उन्होंने कहा कि व्यक्ति को जन्म के आधार पर विभाजित नहीं किया जा सकता। जाति का निर्धारण जन्म के आधार पर हो रहा है। पर क्या कोई बता सकता है कि हरिद्वार किस जाति का है। क्या बता सकता है कि 12 ज्योतिर्लिंग किस जाति के हैं। देश के कोने-कोने में स्थित 51 शक्तिपीठ किसी जाति के हैं। जो लोग स्वयं को हिंदू मानते हैं और देश के सभी हिस्सों में रहते हैं। वे इन सभी को अपना मानते हैं, फिर भेद कहां है। जिस तरह से राज्य की सीमाएं हमारे बीच कोई भेद पैदा नहीं कर सकती हैं, उसी तरह जन्म के आधार पर चीजें हमें विभाजित नहीं कर सकती हैं। अगर कोई गलत धारणाएं हैं, तो उसे बदलना होगा, अगर कोई भ्रम या बेकार का अहंकार है, तो उसे खत्म करना होगा।

भैय्याजी जोशी ने कहा “हमारे ही देश को स्वच्छ रखने के लिए अभियान चलाना पड़ता। देश के प्रधानमंत्री अभियान चलाते हैं। हमें अपने कर्तव्य पर चर्चा करनी चाहिए। हमेशा सरकार पर निर्भर होना सही नहीं है। समाज को आगे बढ़ना है तो हर महिला को मां के रूप में देखना होगा। आज के रावण कौन, कौरव कौन है , भारत को विश्व गुरू बनना है। नियति में है तो उसके लिए काम करें, यह रावण का पुतला जलाने से कुछ नहीं होगा।

इससे पहले कार्यक्रम में पूर्व भय्याजी जोशी और बतौर मुख्य अतिथि पैरालिंपिक पदक विजेता मोना अग्रवाल ने शस्त्र पूजन कर कार्यक्रम की शुरुआत की।

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