आयुक्त के बिना स्वीकृत के ही एक सप्ताह पहले संविदाकार को जारी कर दिया गया था कार्यादेश
सिंगरौली :नगर पालिक निगम सिंगरौली भ्रष्टाचार का अखाड़ा बना है। स्टोर प्रभारी की नई नित्य कार्यगुजारियां प्याज के छिलकों की तरह-तरह परत दर परत खुलने लगी हैं। पिछले वर्ष केवल तीन वार्डो में हैण्डपंप सामग्री क्रय करने के नाम पर करीब 75 लाख रूपये खर्च कर दिया। तीन वार्डो में कितने हैण्डपंप हैं। अब जांच में इसकी भी गिनती करनी पड़ेगी।दरअसल नगर पालिक निगम सिंगरौली में पिछले दो वर्षो के दौरान 2022 एवं 2023 में भ्रष्टाचार के सभी सीमाओं को ननि के स्टोर प्रभारी उपयंत्री पीके सिंह, सहायक यंत्री दिनेश तिवारी, उपयंत्री अनुज सिंह एवं तत्कालीन आयुक्त सतेन्द्र सिंह धाकरे व अन्य ने लांघ दिया।
इस दौरान नगर निगम में व्यापक पैमाने पर भ्रष्टाचार कर करोड़ों रूपये की राशि की बंदरबांट करने में ननि के उक्त अधिकारियों ने कोई कोर कसर नही छोड़ा है। ननि के उक्त अधिकारियों के एक के बाद एक नए कृत्य चौकाने वाले मामले सामने आ रहे हैं। शहर के कई प्रबुद्ध नागरिकों का आरोप है कि स्टोर प्रभारी सहित ननि के उक्त अधिकारी-कर्मचारी अपने आप को सबसे बेहद ईमानदार एवं ननि व कार्य के प्रति कर्तव्यनिष्ठ बताकर खूब वाहवाही लेने का प्रयास करते हैं। किन्तु पिछले दो वर्ष 2022-23 व 2023-24 फरवरी के बीच नगर निगम में करीब 28 करोड़ रूपये की विभिन्न सामग्रियों का क्रय कर राशि की बंदरबांट का मामला सामने आने के बाद उक्त अधिकारियों के ईमानदारी पर बड़ा प्रश्नचिन्ह खड़ा होने लगा है। ईमानदारी का ढफला पिटने वाले कथित उक्त अधिकारी जगह-जगह अपनी सफाई तरह-तरह की सफाई देते हुये एक-दूसरे पर आरोप मढ़ने लगे हैं।
हालांकि उक्त अधिकारी सार्वजनिक तौर पर कुछ भी बोलने को तैयार नही है। अब उनके कुछ नए कारनामे सामने आएं हैं। जानकारी में पता चला है कि हैण्डपंप खरीदी के लिए 15 दिसम्बर 2023 को कार्यादेश दे दिया गया। जबकि निविदा समिति/ आयुक्त से न्यूनतम दर की स्वीकृत 23 दिसम्बर को प्राप्त हुई। किन्तु ननि के उक्त अमले ने हैण्डपंप सामग्री क्रय करने के लिए आयुक्त के बिना स्वीकृति के एक सप्ताह पहले ही करीब 40 लाख रूपये का कार्यादेश अपने चहेते ठेकेदार को थमा दिया। हैरानी तब हुई जब ननि के वार्ड क्रमांक 43 से 45 के बीच केवल तीन वार्डो में जल प्रदाय सामग्री एवं हैण्डपंप मरम्मत की नस्ती उपयंत्री दीपक क ँवर के पास काम है। उनके आवेदन में सामग्री का नाम तो है। परन्तु हैण्डपंपों की संख्या कितनी है। इसका कही रिकॉर्ड में जिक्र नही है। जिसको लेकर जांच टीम भी हैरान है। बहरहाल नगर पालिक निगम सिंगरौली में पिछले दो वित्तीय वर्षो के दौरान विभिन्न सामग्रियों की खरीदी एवं स्वच्छता अभियान के नाम पर करोड़ों रूपये की हुई बंदरबांट का मामला जोर पकड़ते हुये प्रबुद्धजन इस भ्रष्टाचार को ईओडब्ल्यू एवं लोकायुक्त से जांच कराने की मांग करने लगे हैं।
डस्टवीन खरीदी के बजट में गड़बड़झाला की बू
नपानि सिंगरौली पिछले वर्ष करीब सवा लाख रूपये से अधिक कीमत के डस्टवीन एवं कीटनाशक सफाई के नाम पर खर्च कर संविदाकार को भुगतान कर दिया गया। जांच टीम को इससे जुड़े कुछ अहम तथ्य हाथ लगे हैं। हालांकि ननि के जांच टीम का कोई अधिकारी इसे बताने के लिए तैयार नही है। उनके द्वारा ढुलमुल जवाब दिया जा रहा है। बताया जा रहा है कि डस्टवीन खरीदी एवं कीटनाशक सफाई सामग्री के लिए करीब सवा लाख रूपये से अधिक का बजट मुहैया कराया गया था। आरोप है कि संविदाकार को उक्त सामग्री खरीदी करने के लिए 23 सितम्बर 2023 को कार्यादेश संविदाकार को दे दिया गया। जबकि आयुक्त के द्वारा न्यूनतम दर की स्वीकृति 6 अक्टूबर 2023 को प्राप्त हुई। न्यूनतम दर स्वीकृति के पूर्व ही स्टोर प्रभारी ने कार्यादेश दे दिया था। वही अब यह मामला भी गरमाने लगा।
उपयंत्री के एक ही आवेदन को दो बार किया उपयोग
नगर निगम में भ्रष्टाचार के पराकाष्ठा को अधिकारियों ने पार कर दिया। उनकी कारगुजारी बेपर्दा हो रही है। सूत्रों की बात माने तो उपयंत्री दीपक कँवर के पुराने ही आवेदन की फोटोकॉपी लगाकर दूसरी बार करीब 35 लाख रूपये का हैण्डपंप सामग्री खरीदी गई। आरोप है कि एक आवेदन को दो बार लगा दिया गया। दोनों नस्तियों में करीब 75 लाख रूपये की सामग्री क्रय की गई। किन्तु दीपक कँवर उपयंत्री के अलावा अन्य किसी सहायक यंत्री यां उपयंत्री का मांग पत्र शामिल नही है। चर्चाओ के मुताबिक यह सब कुछ सुनियोजित तरीके से स्टोर प्रभारी से लेकर पूर्व आयुक्त ने ननि के राशि की बंदरबांट करने में कोई भी गुंजाईस नही छोड़ा है।