फिर भी माड़ा पुलिस पीड़ित को नहीं दिला पाई न्याय
सिंगरौली : टीआई से लेकर आईजी एवं कलेक्टर के यहां एक पीड़ित व्यक्ति दो-चार रफा नही बल्कि करीब 21 बार दरखास्त देकर न्याय दिलाने के लिए फरियाद कर चुका है। लेकिन पीड़ित पक्ष का आरोप है कि किसी के द्वारा न्याय नही दिया गया। बल्कि मामले को शांत कराने के लिए माड़ा पुलिस मरहम लगाकर कार्रवाई को समाप्त कर दे रही है। हालांकि वही राजस्व अमला भी इस पूरे मामले में पूरी चुप्पी साध रखा है।
अमिलवान निवासी अशोक कुमार कुशवाहा ने एसपी के नाम दिए आवेदन पत्र में बताया है कि ग्राम अमिलवान में स्वत्व एवं आधिपत्य सुदा आराजी नंबर 519/3/1 मैं 35-40 वर्ष पूर्व से कच्चा खपरैल का मकान निर्मित कर माता के द्वारा हिस्से में दिया गया है। जिसमें वह अपने परिवार के साथ निवास रत होकर जीवकोपार्जन कर रहा है। लेकिन उक्त आरजी को 15 जून 2023 को विधिवत सीमांकन कर लिया गया है। पीड़ि़त परिवार के ही राजलाल कुशवाहा, राजमती कुशवाहा, मुकेश कुशवाहा, मनीष कुशवाहा ने 19 जून को पीड़ित के साथ गाली गलौज कर हिस्से का मकान तोड़कर अपना रास्ता बनाने की धमकी देने लगे। जबकि पूर्व में पुश्तैनी रास्ता ग्रामीण रोड पर स्थित है।
पीड़ित ने बताया कि 22 जून को रात्रि में करीब 8 बजे उक्त लोग मेरे मकान की दीवाल को रास्ता बनाने के लिए छेद करने लगे तो पीड़ित के द्वारा कहा गया कि मेरी दीवार गिर जाएगी तो मैं कहां रहूंगा। जिस पर धमकी दी गई की दीवार तोड़ने से मना करोगे तो तुमको इसी दीवार के नीचे दफन कर देंगे। पीड़ित ने आवेदन में बताया कि 24 जून को उक्त लोग मकान की दीवार को गिराने लगे तब जाकर माड़ा थाना शिकायत किया। लेकिन माड़ा पुलिस के द्वारा कोई सहायता नहीं दी गई। उक्त दिनांक को नायब तहसीलदार माड़ा के समक्ष उक्त लोगों के खिलाफ प्रकरण प्रस्तुत किया जाकर स्थगन आदेश की प्रक्रिया प्राप्त कर थाना माड़ा को एक प्रति दी गई।