धार । भोजशाला में हो रहे ASI सर्वे के 22वें दिन (शुक्रवार को) अलग-अलग टीमों ने 50 मीटर दायरे में 6 घंटे काम किया। टीम ने अल सुबह 6 बजे ही प्रवेश कर लिया था। मुख्य भवन के आसपास तीन दिशाओं में मिट्टी हटाने का काम किया। साथ ही मिट्टी हटाने के दौरान जो अवशेष मिले, उसकी फोटोग्राफी सहित वीडियो ग्राफी करते हुए सैंडलों को चिह्नित किया गया। सर्वे के काम की गति पिछले तीन दिनों से धीमी ही चल रही है।
बताया जा रहा है कि टीम में शामिल मुख्य अधिकारी अभी धार में नहीं हैं। जल्द ही नई विधाओं के जानकारों को लेकर वे धार आएंगे। इसके बाद सर्वे के तहत होने वाले प्रतिदिन के कामकाजों को गति मिलेगी। शुक्रवार होने के कारण सभी अधिकारी दोपहर 12 बजे ही बाहर आ गए थे, जिसके बाद मुस्लिम समाज के लोगों को नमाज पढ़ने के लिए प्रवेश दिया गया
शुक्रवार को एएसआई के 18 अधिकारियों, 28 मजदूरों ने सर्वे के तहत काम किया था। इस दौरान हिंदू व मुस्लिम समाज के पक्षकार मौजूद रहे। शुक्रवार को जुम्मे की नमाज भी थी, जिसको देखते हुए भोजशाला परिसर सहित पूरे धार शहर में सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए थे। भोजशाला सर्वे को लेकर हिंदू और मुस्लिम दोनों ही पक्षकार अपने-अपने दावे कर रहे हैं ।
पिछले कुछ दिनों से कमाल मौला मस्जिद के भीतर स्थित अक्कल कुइया का सर्वे भी चल रहा था, जहां शुक्रवार को कोई काम नहीं किया गया। भोजशाला के पिछले दक्षिणी और उत्तरी हिस्से में टीम सर्वे में जुटी हुई है। आशीष गोयल के अनुसार कोर्ट के आदेश के परिपालन में 22 वे दिन भी काम हुआ है।
अब्दुल समद खान ने कहा कि सर्वे टीम अपना काम निष्पक्ष रूप से कर रही है सभी लोग धैर्य और संयम बनाए रखे, सभी चीजें अच्छे तरीके से हो रही है। शहर काजी वकार सादिक ने बताया कि ईद के बाद सभी लोग यहां पर इकट्ठा हुए। सभी लोगों से बातचीत भी हुई। जो कुछ भी चल रहा था वह भी देखा गया। अब कोर्ट का आदेश है, उसमें तो उस हिसाब से सर्वे हो रहा है। इसमें कोई ज्यादा देखने और करने की बात नहीं है। हमारा शुरू से मानना था कि वर्ष 1902 व 3 की सर्वे रिपोर्ट मौजूद हैं, तो सर्वे करवाना अनावश्यक है।
हमने सुप्रीम कोर्ट में सर्वे रोकने की कोई मांग नहीं थी कि जो सर्वे के नाम पर गड्ढे हो रहे थे, इसको लेकर कोर्ट गए थे। हमारे हक में फैसला आया व हमारी एसएलपी मंजूर की गई। जितने भी मजारत हैं, जहां ओली अल्लाह रहते हैं। वहां पर एक बावडी या कुआ जरूर रहता है, उसको लेकर बहुत सारी किंवदंतियां चलती रहती है। पीने का पानी हो तो एक कुआं है उसको लेकर कोई बहुत बडी बात नहीं है।