दमोह के डॉ. अजय लाल को राहत, एफआईआर निरस्त

मानव तस्करी के लगे थे आरोप
जबलपुर: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने दमोह स्थित आधारशिला संस्थान के पदाधिकारी डॉ. अजय लाल के खिलाफ मानव तस्करी व किशोर न्याय से जुड़ी एफआईआर खारिज कर दी है। जस्टिस संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने कहा कि अभिनिर्धारित किया है कि उक्त संस्थान द्वारा दत्तक ग्रहण में दिये गये दोनों बालकों के संदर्भ में जो आरोप एफआईआर में लगाये गये हैं, वे निराधार हैं।
गौरतलब है कि डॉ. लाल के खिलाफ 7 अगस्त को पुलिस थाना दमोह में मानव तस्करी और किशोर न्याय की धारा 80 के तहत प्रकरण पंजीबद्ध हुआ था।

यह आरोप भी था कि दो बालकों को नियम विरुद्ध तरीके से गोद दिया गया है। डा. लाल की ओर से हाईकोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा, शशांक शेखर व अधिवक्ता भूपेश तिवारी ने पक्ष रखा। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो द्वारा दुर्भावनापूर्वक और याचिकाकर्ता की सामाजिक छवि को धूमिल करने के उद्देश्य से एफआईआर दर्ज कराई गई थी। न्यायालय ने इस बात को भी संज्ञान में लिया कि पूर्व में जो दो अपराधिक प्रकरण डॉ. लाल के विरूद्ध पंजीबद्ध किये गये थे, उनमें से एक प्रकरण में हाईकोर्ट से एफआईआर निरस्त हो चुकी है। वहीं दूसरे प्रकरण में सुप्रीम कोर्ट ने सत्र न्यायालय में चल रही ट्रायल को स्टे कर दिया है। जिसके बाद न्यायालय ने उक्त निर्देश दिये।

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