शोभा की सुपारी बना परासिया का सिविल अस्पताल
छिंदवाड़ा/परासिया। मध्य प्रदेश शासन स्वास्थ्य विभाग द्वारा परासिया विधानसभा में बनाए गए सिविल अस्पताल में मरीजों को मिलने वाली सुविधाएं नदारत है। खंड चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर प्रमोद वाचक की लापरवाही के चलते अस्पताल में मरीजों को मिलने वाली सुविधाएं आम मरीजों को नहीं मिल पा रही है। जिसके चलते दुर दराज से आने वाले मरीज निराश होकर वापस लौट जाते हैं। अस्पताल में डॉक्टरो का आलम यह है कि ड्यूटी के दौरान डॉक्टर अपने निजी क्लिनिको में बैठकर मरीजों का इलाज करते हैं। वही स्वयं डॉक्टर वाचक द्वारा परासिया पिपरिया मार्ग में अपना निजी क्लीनिक संचालित किया जा रहा है। जिसके चलते हुए अपना पूरा समय अस्पताल में नहीं दे पाते। वर्तमान स्थिति में 100 विस्तरों के इस अस्पताल का आलम यह है कि यहां पर उपस्थित स्टाफ और चिकित्सा अधिकारी के बीच तालमेल नहीं होने के कारण अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाएं अवस्थित है।
जिला पंचायत सदस्य और नपा अध्यक्ष ने किया अस्पताल का औचक निरीक्षण 0000000
बीते लंबे समय से परासिया सिविल अस्पताल में बरती जा रही लापरवाही और मीडिया में आ रही लगातार खबरों पर संज्ञान लेते हुए मंगलवार को जिला पंचायत अध्यक्ष अरुण यदुवंशी एवं नगर पालिका अध्यक्ष विनोद मालवीय ने परासिया सिविल अस्पताल का औसक निरीक्षण करते हुए अस्पताल में उपलब्ध सुविधाओं का जायजा लिया।अस्पताल पहुंचे जनप्रतिनिधियों ने जब अस्पताल की व्यवस्था देखी तो उन्होंने तत्काल मामले पर संज्ञान लेते हुए जिला प्रशासन से चर्चा करते हुए व्यवस्था तत्काल बहाल नहीं होने पर धरने पर बैठ जाने का अल्टीमेटम दिया है। जिला पंचायत सदस्य अरुण यदुवंशी ने बताया कि शासन द्वारा आम लोगों की सुविधाओं और उन्हें स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए शासन द्वारा करोड़ों रुपए खर्च करके परासिया में 100 विस्तरों का अस्पताल बनवाया है लेकिन स्वास्थ्य विभाग के मातहत डॉक्टर और अधिकारी शासन द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं को पलीता लगा रहे हैं। नपा अध्यक्ष विनोद मालवीय ने बताया कि शासन द्वारा आम लोगों को निशुल्क और बेहतर इलाज के लिए परासिया शहर में की गई व्यवस्थाएं लोगों को नहीं मिल पा रही है।जिसके चलते शास्त्र द्वारा खर्च किए गए करोड़ों रुपए बे काम साबित हो रहे हैं।
शिकायतकर्ताओ का चिकित्सा अधिकारी ने किया तबादला 00000000
बीते दिनों खंड चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर प्रमोद वाचक पर गंभीर आरोप लगाते हुए महिला चिकित्सक द्वारा शिकायत जिला कलेक्टर के समक्ष करते हुए कार्रवाई की मांग की गई थी। जिसके परिणाम स्वरूप डॉक्टर प्रमोद पाठक द्वारा हाल ही में परासिया सिविल अस्पताल में दंत चिकित्सा विभाग में पदस्थ महिला चिकित्सक सहित अन्य डॉक्टरों का तबादला परासियों से चांदामेटा करते हुए परासिया में दंत चिकित्सा विभाग को बंद कर दिया गया है। जिसके चलते यह महसूस होता है कि परासिया में जो भी डॉक्टर प्रमोद वाचन के खिलाफ अपनी आवाज उठाएगा। उसके खिलाफ कुछ इस प्रकार की कार्रवाई डॉक्टर प्रमोद वाचक द्वारा की जा सकती है। अब देखना यह है कि शासन प्रशासन द्वारा विवादित डॉक्टर के खिलाफ क्या कार्रवाई की जा सकती है ? विदित हो की तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा परासिया में लगभग 14 करोड़ की लागत से 100 विस्तरों के अस्पताल का लोकार्पण जिला मुख्यालय से किया गया था। जिसका उद्देश्य परासिया के आम जनों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सके। लेकिन उसके विपरीत परासिया अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाएं नदारत है।