कॉलोनी की विकास अनुमति रोकने से निगम को घाटा

पिछले साल के मुकाबले आधा हुआ रेवेन्यू

इंदौर: नगर निगम का कॉलोनी सेल विभाग आने वाले दो साल में बिना काम विभाग हो जाएगा. इसकी वजह मास्टर प्लान की सड़क और आईडीए की योजनाएं है. उक्त योजनाओं और सड़क के कारण शासन ने कॉलोनी की अनुमति पर रोक लगा दी है. कॉलोनी अनुमति पर रोक होने से निगम की वार्षिक आय में कमी आएगी. स्थिति यह है कि पिछले साल के मुकाबले कॉलोनी सेल का रेवेन्यू आधा रह गया है.
नगर निगम को कॉलोनी सेल विभा्ग से हर साल करीब 125 करोड़ रूपए राजस्व मिलता था. इस साल यह आधा रह गया है और अभी तक 60 करोड़ की आय प्राप्त हुई है. निगम की आय में यह कटौती प्रशासन द्वारा मास्टर प्लान की सड़क और योजनाओं के कारण हुई है. ध्यान रहे कि पहले निगम कॉलोनी को हर महीने 25 से 30 आवेदन कॉलोनी की विकास अनुमति के आते थे. अब हालत यह है कि पिछले दो माह में 3-4 आवेदन कॉलोनी अनुमति के आए है. पिछली 9 जुलाई को आईडीए ने अहिल्या पथ योजना लागू की थी और उसके बाद उस क्षेत्र के आठ गांवों की जमीनों पर निगम की विकास अनुमति जारी नहीं करने के आदेश दिए थे. यदि यही स्थिति रही तो निगम कॉलोनी के पास आने वाले दो साल बाद कोई काम नहीं रहेगा और बिना काम का विभाग रह जाएगा.
दो साल में दिखेगा असर
कॉलोनी से के प्रभारी अपर आयुक्त मनोज पाठक ने इस मामले में कहा कि हमारा हर साल का राजस्व 100 से 125 करोड़ के करीब आता था. अभी तक 60 करोड़ आया है. विकास अनुमति पर रोक लगाने का असर आने वाले दो साल में नजर आएगा, जब निगम को कॉलोनी सेल विभाग के पास कोई काम नहीं होगा. रेवेन्यू सिर्फ 15 से 20 करोड़ रह जाएगा.

कॉलोनी सेल का मुख्य आय का स्त्रोत
नगर निगम को किसी भी कॉलोनी की विकास अनुमति जारी करने के एवज में मुख्य रूप से नर्मदा केपिटल फंड और आश्रय निधि से राजस्व मिलता है. नर्मदा केपिटल फंड 15 वर्गफुट और आश्रय निधि गाइड लाइन की 5 प्रतिशत राशि है. इसके अलावा भी अन्य मद में पैसा लिया जाता है, लेकिन वो हजारों में होता है.

कॉलोनी का है यह नियम
शहरी क्षेत्रों या निगम सीमा में कॉलोनी काटने के लिए मिनिमम 5 हेक्टेयर या आठ एकड़ जमीन होना अनिवार्य है. फार्म हाउस के लिए दो हेक्टेयर जमीन होना जरूरी है. होटल और रिजॉर्ट्स पर भी थी नियम लागू है. इस हिसाब से नगर निगम कॉलोनी सेल को कितना राजस्व मिलता है, इसका आंकलन किया जा सकता है. उक्त सभी पर फिलहाल प्रशासन की रोक लग गई है.

निगम ने रोकी कई कॉलोनियों की अनुमति
नगर निगम कॉलोनी सेल विभाग ने प्रशासन के आदेश के बाद करीब 25 से 30 कॉलोनियों के आवेदन पर आईडीए की एनओसी लेने के पत्र जारी किए है. प्रशासन ने आईडीए की एनओसी बगैर कॉलोनियों की विकास अनुमति देने पर रोक लगा दी है. इसके बाद निगम कॉलोनी सेल विभाग में हलचल खत्म हो गई है.

Next Post

वनवासी कल्याण परिषद के 75 वर्ष पूरे होने पर आदिवासी अंचल में विशेष कार्यक्रम

Mon Sep 23 , 2024
Share on Facebook Tweet it Share on Reddit Pin it Share it Email सियासत आदिवासियों के बीच काम करने वाले संघ के अनुषांगिक संगठन वनवासी कल्याण परिषद को 75 वर्ष पूरे होने जा रहे हैं. इस अवसर पर पूरा संघ परिवार आदिवासी अंचल में विशेष कार्यक्रम करेगा. इस संबंध में […]

You May Like