बुरहानपुर: नेपानगर की पूर्व विधायक सुमित्रा कास्डेकर को एमपीए एमएलए कोर्ट इंदौर से 20 सितंबर को एक नोटिस जारी हुआ है जिसमें उन्हें 27 सितंबर को सुबह 10 बजे पेश होकर साक्ष्यों के साथ अपना पक्ष रखने को कहा गया है। एमपीए एमएलए कोर्ट की ओर से जारी नोटिस में धारा 468,420, 471 आईपीसी के तहत लगाए गए आरोपों का जवाब देने के लिए पेश होने को कहा गया है। परिवादी बालचंद शिंदे की ओर से नियुक्त अधिवक्ता जहीर उद्दीन के अनुसारए एमपीए एमएलए कोर्ट से पूर्व विधायक को नोटिस जारी हुआ है। आज ही नोटिस थाने में तामील करवा दिया गया है। वहीं मामले में नेपानगर की पूर्व विधायक सुमित्रा कास्डेकर के पति व प्रतिनिधि राजेश कास्डेकर का कहना है. इस बारे में मुझे अभी कोई जानकारी नहीं है।
मैं अभी बाहर हूं।
यह है पूरा मामला:-. दरअसल बुरहानपुर निवासी बालचंद शिदे नामक एक व्यक्ति ने एक आवेदन बुरहानपुर लोअर कोर्ट में लगाया था जिसमें कहा गया था कि नेपानगर की पूर्व विधायक सुमित्रा कास्डेकर ने इंडियन ऑयल और चुनाव लड़ते समय निर्वाचन आयोग को जो शपथ पत्र दिया था उनमें उनकी जन्म तारीख अलग अलग है। तब कोर्ट ने थाने को एफआईआर करने को कहा थाए लेकिन पूर्व विधायक हाईकोर्ट चली गईं थी। वहां उनके वकील ने उनका पक्ष रखा था कि यह मामला एमपीए एमएलए कोर्ट का है। कोर्ट से भी फैसला यही आया था कि अगर परिवादी चाहे तो वह एमपीए एमएलए कोर्ट में आवेदन करे। इसके बाद परिवादी बालचंद शिंदे ने एमपीए एमएलए कोर्ट में आवेदन लगाया।
इसी मामले में अब नेपानगर की पूर्व विधायक सुमित्रा कास्डेकर को नोटिस जारी हुआ है जो खकनार थाने के माध्यम से तामील होगा। परिवादी के अधिवक्ता जहीर उद्दीन का कहना है कि आज ही नोटिस खकनार थाने में तामिल कराया गया है।यह भी जानिए:-कांग्रेस छोडक़र भाजपा में आई हैं सुमित्रा कास्डेकर पहले कांग्रेस से विधायक थीं। हालांकि साल.2020 में उन्होंने पार्टी से यह कहकर इस्तीफा दे दिया था। उनके काम नहीं हो रहे हैं। सुमित्रा कास्डेकर को बाद में भाजपा ने नेपानगर से ही भाजपा से टिकट दिया और वह चुनाव जीतीं, लेकिन इस बार यहां से पार्टी ने उन्हें टिकट न देकर पूर्व विधायक मंजू दादू को टिकट दिया। अब मंजू दादू नेपानगर से विधायक हैं।