“नो कार डे” के जरिये इंदौर को बनाएं पर्यावरण और ट्रैफिक सुधार का सफल मॉडल – महापौर भार्गव

इंदौर: देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर की सड़कों पर पूरे उत्साह के साथ आगामी 22 सितंबर को “नो कार डे” का आयोजन होगा। ट्रैफिक पुलिस के सहयोग से शहर के नागरिकों को वाहनों की भीड़, जानलेवा वायु प्रदूषण और मानसिक तनाव से निजात दिलाने के साथ ही पर्यावरण के लिए अनुकूल क्लीन एनर्जी और पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा दिया जाएगा।
महापौर पुष्यप्रिय भार्गव ने इंदौर की जनता से अपील की है कि, “अब हम स्वच्छता के साथ ही ट्रैफिक सुधार में भी इंदौर को देश का नंबर वन शहर बनाएं। पिछले साल नो कार डे के दिन 12 फीसदी कारें कम निकलीं, हमने 80,000 लीटर ईंधन बचाया, 18 फीसदी वायु प्रदूषण कम हुआ और सल्फर मोनोऑक्साइड गैस का उत्सर्जन 5.5 फीसदी कम हुआ।”

भार्गव ने शहर के नागरिकों से निवेदन किया है, “पिछले वर्ष की इस सफलता को ध्यान में रखते हुए नो कार डे में जरूर भाग लें और अपनी कार की बजाय सायकल, ई-रिक्शा, आई-बस, माय बाइक या किसी भी सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करें। इससे हमारे शहर को स्वच्छ और स्वस्थ बनाए रखने में मदद मिलेगी और हम इंदौर को पर्यावरण सुधार और ट्रैफिक मैनेजमेंट के एक सफल मॉडल के रूप में पेश कर सकेंगे।”

क्लीन एयर कैटलिस्ट के एक अध्ययन के मुताबिक इंदौर में 70 फीसदी वायू प्रदूषण सड़कों पर चलने वाले वाहनों और उनसे उड़ने वाली धूल के कारण होता है। मार्च 2023 में मध्यप्रदेश विधानसभा में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में परिवहन मंत्री गोविंद सिहं राजपुत ने बताया कि 31 जनवरी 2023 को इंदौर में कुल रजिस्टर्ड वाहनों की संख्या 21,61,300 थी। यह संख्या राजधानी भोपाल के 15,07,613 वाहनों की तुलना में कहीं ज्यादा है। इंदौर में रजिस्टर्ड कारों की संख्या 3,38,000 है। साथ ही रोजाना बाहर से आने-जाने वाली कई कारों का दबाव भी बना रहता है।
डब्ल्यूआरआई के डायरेक्टर एयर क्वालिटी और क्लीन एयर कैटलिस्ट के वरिष्ठ वायु गुणवत्ता वैज्ञानिक डॉ. प्रकाश दोराईस्वामी के मुताबिक, “हम देख रहे हैं कि वाहनों का धुआं शहर की एयर क्वालिटी बिगाड़ रहा है। नो कार डे जैसी पहल में भाग लेने से हमें परिवहन के वैकल्पिक साधनों के इस्तेमाल का और शहर वायु प्रदूषण को कम करने का मौका मिलेगा। स्वच्छ वायु सभी लोगों की सेहत और बेहतर जिंदगी में मददगार है।”

एन्वायर्नमेंटल डिफेंस फंड की सीनियर हेल्थ साइंटिस्ट और क्लीन एयर कैटलिस्ट की हेल्थ को-लीड डॉ. अनन्या रॉय के मुताबिक, “वायु प्रदूषण के कारण इंदौर शहर नवजात शिशुओं का वज़न कम होना, डायबिटीज़, दिल और फेफड़ों की बीमारियों का सामना कर रहा है। कार फ्री डे के दिन कम कारें, यातायात के वैकल्पिक साधनों का इस्तेमाल, सुरक्षित रास्ते, कम प्रदूषण, बेहतर सेहत, खुशमिजाज लोग हमारे लिए बेहतर भविष्य में मददगार हैं।”

क्लीन एयर कैटलिस्ट के प्रोजेक्ट लीडर कौशिक राज हजारिका कहते हैं, “कार फ्री डे हमें वाहनों से होने वाले वायु प्रदूषण को कम करते हुए पर्यावरण और सेहत के अनगिनत फायदों की अच्छी तरह याद दिलाता है। यह दिन हमें एयर क्वालिटी को सुधारने लिए दीर्घकालिक रणनीति के साथ ही हमें लगातार इस पर काम करते रहना भी जरूरी है।”
नो कार डे जैसी वैश्विक पहल में इंदौर की सक्रिय भागीदारी एक ऐसे शहर के निर्माण के लिए हमारी साझा प्रतिबद्धता को उजागर करती है, जहां स्वच्छ हवा जीवन का एक आदर्श है, अपवाद नहीं।

Next Post

शहर के बॉर्डरों पर तीसरी आंख से निगरानी शुरू

Sat Sep 21 , 2024
Share on Facebook Tweet it Share on Reddit Pin it Share it Email  नौ नई लोकेशन पर लगे हाईटेक कैमरे हो गए चालू  दूसरे राज्यों, शहरों से आने वालों पर पैनी नजर            जबलपुर: शहर के बॉर्डरों पर पुलिस की तीसरी आंख कहे जाने वाले सीसीटीव्ही […]

You May Like

मनोरंजन