यात्रियों की नजरों से ओझल एक स्टेशन एक उत्पाद

प्लेटफार्म की भीड़ में गुमा वन स्टेशन वन प्रोडक्ट का स्टॉल

जबलपुर: देश में अलग-अलग जगहों के स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए रेलवे ने स्टेशनों पर एक स्टेशन एक उत्पाद योजना की शुरुआत की थी। इसके तहत रेलवे स्टेशनो पर एक स्टाल खुलना था, लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के चलते यह स्टॉल नजरों से ओझल हो गया। जबलपुर रेलवे स्टेशन के अधिकारियों द्वारा यह दावा किया जा रहा है कि एक स्टेशन एक उत्पाद का काउंटर अभी भी प्लेटफार्म क्रमांक 6 पर मौजूद है लेकिन जब नवभारत प्रतिनिधि द्वारा स्टेशन का भ्रमण किया गया तो इस स्टॉल को वहां पर मौजूद नहीं पाया गया। जबकि जबलपुर की खोवे की जलेबी, गुड की चिक्की व संगमरमर के पत्थरों से बनी वस्तुओं का व्यवसाय काफी प्रसिद्ध है।

रेल मंत्रालय द्वारा किया गया था चालू
स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने में रेलवे की महत्त्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए केंद्रीय बजट 2022-23 में ‘एक स्टेशन एक उत्पाद योजना की घोषणा की गई थी। इसके तहत शुरू में देशभर के 1,037 रेलवे स्टेशनों पर 1,134 दुकानों का संचालन किया जा रहा था। भारतीय रेलवे स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा और लोगों को रोजगार देने के लिए एक स्टेशन एक उत्पाद योजना चला रहा था। जिससे आम इंसान अपने उत्पाद को रेलवे स्टेशन पर बेच सकता था, और इस स्टॉल को रेलवे एक हजार रुपए में उपलब्ध कराता था। जिसमे हैंडीक्राफ्ट, लजीज व्यंजन, खिलौने जैसे स्थानीय उत्पाद के अलावा अन्य उत्पाद बेचे जा सकते हैं।

वोकल फॉर लोकल को मिलता बढ़ावा
मोदी सरकार द्वारा स्थानीय उत्पादो को बढ़ावा देने के लिए चालू की गई वोकल फॉर लोकल योजना के तहत वन स्टेशन वन प्रोडक्ट जैसे काउंटरों को भी इसका फायदा मिलता। शुरू में इसको कई स्टेशनों पर चालू किया गया था बाद में इस स्कीम को सभी स्टेशनों तक बढ़ा दिया गया था।
इनका कहना है
एक स्टेशन एक उत्पाद का स्टॉल प्लेटफार्म नंबर 6 पर मौजूद है और इसमें क्या प्रोडक्ट्स बेचे जा रहे हैं इसकी जानकारी में आपको दूंगा।
डॉ. मधुर वर्मा, सीनियर डीसीएम, पश्चिम मध्य रेल

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