स्वतंत्रता की शताब्दी वर्ष में भारत दुनिया का सर्वश्रेश्ठ और शक्तिशाली राश्ट्र होगा

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ने किया चित्रकूट यूनेस्को जियो पार्क कार्यशाला का समापन
सतना :प्रदेश के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि स्वतंत्रता के शताब्दी वर्ष में भारत दुनिया का सर्वश्रेष्ठ और शक्तिशाली राष्ट्र होगा जो पूरे विश्व का मार्गदर्शन करेगा। नगरीय विकास मंत्री शनिवार को चित्रकूट में यूनेस्को जियो पार्क की स्थापना के संबंध में आयोजित तीन दिवसीय कार्यशाला के समापन अवसर पर संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उत्तरप्रदेश सरकार की उच्च शिक्षा मंत्री सुश्री रजनी तिवारी, प्रदेश की नगरीय विकास एवं आवास राज्यमंत्री श्रीमती प्रतिमा बागरी, सांसद सतना गणेश सिंह, विधायक चित्रकूट सुरेंद्र सिंह गहरवार, महापौर योगेश ताम्रकार, स्पीकर राजेश चतुर्वेदी, नगर परिषद अध्यक्ष साधना पटेल, यूनेस्को के प्रतिनिधि बिन्नो बोअर भी उपस्थित थे।

सोसायटी आफ अर्थ साइंटिस्ट, आईआईटी कानपुर, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय भारत सरकार एवं दीनदयाल शोध संस्थान चित्रकूट द्वारा आयोजित चित्रकूट यूनेस्को जियो पार्क की स्थापना हेतु कार्यशाला को संबोधित करते हुए नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि मानव के विकास और मानवीय सभ्यता के विकास की जब भी बात होगी तो भारत का नाम सबसे अग्रणी होगा। उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति पेड, प्रकृति, पहाड़, नदियों को जीवन का हिस्सा मानकर उनकी पूजा करने की है। उनके दोहन से हमारा जीवन चलता है। भारत देश अलग-अलग विधाओं के माध्यम से पूरे आत्म-विश्वास के साथ दुनिया का मार्गदर्शन करेगा। आजादी के 100 साल बाद भारत सबसे ताकतवर देश के रूप में विश्व के सामने होगा और उसके पास पूरे विश्व की समस्या का हल भी होगा। श्री विजय वर्गीय ने कहा कि इसके लिए हमें अपने वैभवशाली, पुरातात्विक, सांस्कृतिक और पर्यावरणीय विरासत को समेट कर आगे बढ़ना होगा।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ने कहा कि भारत ही वह भूमि है जहां भगवान राम ने जन्म लिया और वनवास के 11 वर्ष चित्रकूट की पावन स्थली पर बितायें। वहीं भगवान श्री कृष्ण ने मथुरा में जन्म लेकर उज्जैन में शिक्षा-दीक्षा ली। उन्होंने कहा कि यूनेस्को जियो पार्क के लिए चित्रकूट के साथ लगभग 100 से अधिक ऐतिहासिक, सामाजिक धार्मिक स्थल देश में होंगे। जहां जियो पार्क की संभावनाएं तलाशी जा सकती है।चित्रकूट को यूनेस्को जियो पार्क स्थापना के लिए चुनने पर नगरीय विकास मंत्री ने कहा कि यह अत्यंत हर्ष की बात है। चित्रकूट सहित भगवान राम के वन गमन के सभी महत्वपूर्ण स्थलों केंद्र भी इसमें शामिल किया जाना चाहिए। जियो पार्क की स्थापना के लिए मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश की सरकार जो भी आवश्यक सहयोग होगा वह तन-मन -धन से सहयोग के लिए तत्पर रहेगी।

नगरीय विकास एवं आवास राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी ने कहा कि भारत की वैभवशाली समृद्ध संस्कृति पूरे विश्व की धरोहर है। चित्रकूट क्षेत्र को जियो पार्क की स्थापना हेतु चुनने के लिए यूनेस्को का आभार मानते हुए राज्यमंत्री ने कहा कि यूनेस्को के माध्यम से यहां की धरोहर विकसित होगी। क्षेत्र में आर्थिक सामाजिक विकास के साथ रोजगार के अवसर भी मिलेंगे।उच्च शिक्षा मंत्री उत्तरप्रदेश सुश्री रजनी तिवारी ने कहा कि चित्रकूट के बारे में जब भी बात करते हैं तो सम्मान और श्रद्धा के साथ सिर झुक जाता है। देश ही नहीं पूरे विश्व का सबसे प्राचीन सम्मानजनक और श्रद्धा का केंद्र बिंदु चित्रकूट की पावन स्थली है। देश ही नहीं विश्व में चित्रकूट अपना विशिष्ट स्थान रखता है। जियो पार्क में आध्यात्मिक, भौगोलिक, सांस्कृतिक दृष्टि से सभी विधाएं शामिल होनी चाहिए। चित्रकूट में लिखित रामचरित मानस से गोस्वामी तुलसीदास जी ने विश्व को दिशा दिखाई है।

सांसद सतना श्री गणेश सिंह ने कहा कि यूनेस्को से 195 देश जुड़े हैं और 48 देशों ने 213 स्थान पर जियो पार्क बनाए हैं। चित्रकूट में यूनेस्को जियो पार्क की स्थापना देश में यूनेस्को का पहला कदम है। उन्होंने कहा कि भगवान राम की तपोस्थली और नानाजी देशमुख की कर्मस्थली चित्रकूट को यूनेस्को ने चुना है। इस जियो पार्क में चौरासी कोष परिक्रमा और राम पथ गमन के सभी स्थलों को जोड़ा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कार्यशाला से प्राप्त निष्कर्ष के अनुसार पूरा विश्वास है कि यूनेस्को चित्रकूट को ग्लोबल पार्क के रूप में अवश्य मान्यता देगा।

विधायक चित्रकूट सुरेन्द्र सिंह गहरवार ने कहा कि जियो पार्क के रूप में प्राचीन प्राकृतिक सौंदर्य की विरासत को उसी रूप में सहेजने का काम होना चाहिए। प्रकृति को हमेशा प्राकृतिक अवस्था में ही रहना चाहिए। यूनेस्को के प्रतिनिधि बिन्नो बोअर ने जियो पार्क की अवधारणा और उद्देश्य की जानकारी में बताया कि भू-गर्भीय विरासत के संरक्षण के बाद सांस्कृतिक और प्राकृतिक विरासत के सभी पहलुओं के मध्य संबंधों के आधार पर चित्रकूट को संभावित यूनेस्कों ग्लोबल जियो पार्क बनाने के अनेक कारक चित्रकूट में मौजूद है। भगवान राम की तपोभूमि में मानव जीवन का प्राचीन इतिहास यहां है। सबसे पुराना जीवाष्म जानकी कुण्ड में पाये गये हैं। मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश के पर्यटन विभाग के सहयोग से इस दिशा में आगे बढा जायेगा।

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