भोपाल, 29 जुलाई (वार्ता) मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश में विज्ञान का लोकव्यापीकरण किया जा रहा है। सामाजिक एवं आर्थिक विकास के लिए विज्ञान की महत्वपूर्ण भूमिका है। मध्यप्रदेश में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद का गठन किया गया है। जिसके माध्यम से कई वैज्ञानिक कार्य क्रियान्वित किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव मुख्यमंत्री निवास स्थित समत्व भवन में उज्जैन में संभाग स्तरीय विज्ञान मेला एवं नेशनल स्पेस डे के आयोजन के संबंध में समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा पर 23 अगस्त, 2024 को उज्जैन में राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस मनाने का निर्णय लिया गया है। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अंतर्गत अनुसंधान एवं विकासीय गतिविधियां संचालित हैं। उन्होंने निर्देशित किया कि प्रमुख वैज्ञानिकों को संभाग स्तरीय मेलों में आमंत्रित किया जाए। विज्ञान से जुड़े प्रतिभाशाली बच्चों को भी मेलों से जोड़ा जाए। बैठक में मुख्य सचिव श्रीमती वीरा राणा, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय डॉ. राजेश राजौरा तथा विभागीय वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी विभागों के लिए ई-सर्विस पार्टल बनाया गया है। विभिन्न योजनाओं का लाभ पात्र हितग्राहियों को दिलाने के लिए आईटी की महती भूमिका हो। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हुए साइबर अपराध को रोकने के प्रयास हों। आईटी पार्कों की संख्या बढ़ायें, आय बढ़ाने के लिए भी प्रयास हों। उन्होंने कहा कि नीमच में मसाला उद्योग का बड़ा स्कोप है, जिसके विकास के लिए सूचना एवं प्रौद्योगिकी का उपयोग सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि विज्ञान मेलों में प्रदर्शनी लगाएं, प्रदेश में विज्ञान का माहोल बनाएं। रिसर्च की गतिविधियों को बढ़ाएं।
डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में 23 अगस्त 2023 को चंद्रमा की सतह पर विक्रम लैंडर के उतरने और प्रज्ञान रोवर के परिनियोजन से चंद्रयान-3 की सफलता के साथ भारत चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक उतरने वाला चौथा देश बन गया है। साथ ही भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के समीप उतरने वाला अंतरिक्ष अग्रणी राष्ट्रों के विशिष्ट समूह में शामिल हो गया है। इस ऐतिहासिक मिशन के परिणाम से आने वाले वर्षों में मानव जाति को लाभ होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के कार्य धरातल पर दिखें और नवाचारों पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने विभिन्न वैज्ञानिक गतिविधियों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि उज्जैन का वैज्ञानिक दृष्टि से अत्यधिक महत्व है। उज्जैन को अनुसंधान केंद्र बनाने की कोशिश करना चाहिए। साईंस दूरिज्म को बढ़ावा दिया जाए। डोंगला का रिसर्च सेन्टर संचालन के लिए विभिन्न पदों की पूर्ति कर ली जाए। डिफेंस के क्षेत्र में मध्यप्रदेश को बड़ा रिसर्च का केंद्र बनाया जाए। उन्होंने कहा कि हमारे इंजीनियरिंग कॉलेज, आईआईटी की तर्ज पर हों। उज्जैन में प्रस्तावित विज्ञान सिटी के कार्य शीघ्रता से किए जाएं।
डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में विज्ञान के प्रति रूचि बढ़ाने का माहौल बनाएं। संभागीय केन्द्रों पर विज्ञान की गतिविधियां बढ़नी चाहिए। उज्जैन में विज्ञान केंद्र का भवन तैयार कर लिया गया है। उज्जैन में तारा मंडल का अपग्रेडेशन हो चुका है। जनप्रतिनिधियों को इसका अवलोकन कराया जाए। खगोलीय वेधशाला डोंगला के ऑटोमेशन का कार्य अंतिम चरण में है। ग्रामीण प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग केंद्र औबेदुल्लागंज में तैयार किया गया है।
डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में आयोजित हो रही इन्वेस्टर्स समिट के साथ आरोग्य एक्सपो का आयोजन किया जाए। बच्चों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने के लिए स्पेस ऑन व्हील्स बस का निरीक्षण कराया जाए। ड्रोन तकनीकी का उपयोग कानून व्यवस्था बनाए रखने में भी किया जाए। रिसर्च को बढ़ावा देने के लिए कॉन्फ्रेंस आयोजित करें।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव के निर्देश के अनुक्रम में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद, उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, स्कूल शिक्षा विभाग के साथ संयुक्त रूप से संभागीय स्तर पर विज्ञान मेला आयोजित किए जाएंगे। इसमें खगोल विज्ञान, नवीन विज्ञान, अंतरिक्ष एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में युवाओं के लिए संभावनाएं एवं अवसर प्राप्त होंगे। इसरो और अन्य वैज्ञानिक संगठनों के समन्वय के साथ संभागीय स्तर पर विज्ञान मेला का आयोजन प्रस्तावित है। नवीन एवं प्राचीन वैज्ञानिक पद्धतियों, खगोल, अंतरिक्ष एवं विज्ञान प्रौद्योगिकी आदि विषयों पर 10 संभागीय मुख्यालयों में आयोजन किए जाएंगे, जिससे जनमानस में वैज्ञानिक चेतना का संचार एवं विकास हो सके। इस मेले के माध्यम से वैज्ञानिकों, विद्यार्थियों, शिक्षकों, नवाचारों एवं जनमानस को वैज्ञानिक लाभ होगा एवं विज्ञान के नवीन क्षेत्रों में रोजगार का सृजन हो सकेगा। एमपीसीएटी द्वारा उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, स्कूल शिक्षा विभाग, आईआईटी, इंदौर, आईआईटी एवं गांधीनगर के सहयोग से अंतरिक्ष दिवस के अंतर्गत 20-21 अगस्त 2024 को कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।