जयपुर 25 जुलाई (वार्ता) राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने केन्द्र सरकार पर राजस्थान के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि उसने पांच साल में प्रदेश को करीब 76 हजार करोड़ रुपये की सहायता कम दी हैं।
श्री गहलोत ने गुरुवार को अपने बयान में यह बात कही। उन्होंने कहा कि राजस्थान में हमारी सरकार के दौरान हम बार-बार सदन में बात उठाते थे कि केन्द्र सरकार राजस्थान के साथ भेदभाव कर रही है। कैग रिपोर्ट ने केन्द्र सरकार से राजस्थान को वित्त वर्ष 2022-23 में छह हजार करोड़ रुपये की सहायता कम मिलने की पुष्टि की है। पूरे पांच साल में केन्द्र सरकार से राजस्थान को करीब 76 हजार करोड़ रुपये की सहायता कम मिली।
उन्होंने कहा कि 15वें वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुसार कुल केन्द्रीय करों का 41 प्रतिशत राज्यों को देय होता है, जिसमें राजस्थान का हिस्सा 6.026 प्रतिशत था। परन्तु राज्यों को देय 41 प्रतिशत हिस्से के स्थान पर केन्द्र सरकार द्वारा वास्तविक रूप से केन्द्रीय करों का मात्र 30-33 प्रतिशत हिस्सा ही राज्यों को हस्तांतरित किया जाता रहा जिसके कारण वित्त वर्ष 2019- में 10 हजार 284 करोड़ रुपए, 2020-21 में 13 हजार 974 करोड़ रुपए, 2021-22 में 12 हजार 756 करोड़ रुपए, 2022-23 में 17 हजार 755 करोड़ रुपए एवं 2023-24 में लगभग 21 हजार 266 करोड रुपए केन्द्र सरकार से कम मिलने का अनुमान लगाया गया। केंद्र सरकार द्वारा डिविजिवल पूल की राशि कम करने के कारण राजस्थान को नुकसान हुआ।
श्री गहलोत ने कहा कि राजस्थान की जनता ने अपने हक के साथ हुई खिलवाड़ को पूरी गंभीरता से लिया और दो बार लगातार 25 में से 25 सीटें जीतने वाली भाजपा को 14 सीटों पर समेट दिया। अब केन्द्रीय बजट में भी ना ईआरसीपी को कुछ मिला और ना ही राजस्थान को कोई विशेष पैकेज मिला। अब जनता भाजपा के झांसे में आने वाली नहीं है एवं उचित लोकतांत्रिक प्रक्रिया से जवाब देगी।