श्रीनगर, 23 जुलाई (वार्ता) जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने मंगलवार को कहा कि केंद्रीय बजट 2024-25 आर्थिक विकास को तेज करेगा और ‘विकसित भारत’ के लिए दूरगामी सुधारों को सुगम बनाएगा।
श्री सिन्हा बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बजट में परिकल्पित सभी के लिए पर्याप्त अवसर पैदा करने की प्राथमिकताएं तेजी से प्रगति और सामाजिक समानता सुनिश्चित करेंगी।
उन्होंने एक्स पर कहा, “एक दूरदर्शी बजट 2024 के लिए मैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी और वित्त मंत्री एन. सीतारमण जी के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त करता हूं।
यह आर्थिक विकास को तेज करेगा, ‘विकसित भारत’ के लिए दूरगामी सुधारों को सुगम बनाएगा और ‘व्यापार करने में आसानी’ और ‘जीवन जीने में आसानी’ को बढ़ाएगा।
” उन्होंने कहा कि रोजगार, कौशल, सूक्ष्म , लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) और मध्यम वर्ग पर ध्यान देने वाला यह बजट आबादी के सभी वर्गों को सशक्त बनाने के विजन को साकार करेगा।
श्री सिन्हा ने कहा कि बजट युवाओं, महिलाओं, किसानों और उद्यमियों को असीमित अवसर प्रदान करेगा और समृद्ध ग्रामीण भारत के लिए योजनाएं तैयार करेगा तथा बजट एक मजबूत कृषि बुनियादी ढांचे और शहरी विकास के विकास को गति देगा।
कृषि में उत्पादकता और लचीलेपन पर ध्यान केंद्रित करने तथा बजट में बताए गए उपायों से जम्मू-कश्मीर को बहुत लाभ होगा।
उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती, तिलहन, सब्जी उत्पादन के लिए मिशन, आपूर्ति श्रृंखला और राष्ट्रीय सहयोग किसानों, गांवों और मजदूरों के लिए समावेशी विकास सुनिश्चित करेगा।
जम्मू-कश्मीर ने 21वीं सदी के अवसरों का लाभ उठाया है और हमारे युवा एक गौरवशाली तथा समृद्ध केंद्र शासित प्रदेश का निर्माण कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि ‘रोजगार और कौशल’ तथा नई योजनाओं पर ध्यान देने वाला बजट युवा सशक्तीकरण को नई गति देगा और यह कार्यबल में महिलाओं की अधिक भागीदारी का मार्ग प्रशस्त करेगा।
उन्होंने कहा, “आदिवासी बहुल गांवों और आकांक्षी जिलों में आदिवासी परिवारों के लिए संतृप्ति कवरेज के लिए प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान एक गेम-चेंजर होगा।
बजट 2024 सुनिश्चित करता है कि जमीनी स्तर पर व्यवस्था मजबूत और देखभाल करने वाली हो और लोग सामाजिक न्याय का लाभ उठा सकें।
”
इस बीच, नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए मंगलवार को श्रीनगर में मीडियाकर्मियों से कहा कि उन्हें संसद की कार्यवाही देखने का मौका नहीं मिला है।
उन्होंने कहा, “हम देखेंगे कि जम्मू-कश्मीर के लिए कुछ है या नहीं।
हमारे पास दो या तीन महत्वपूर्ण मुद्दे हैं।
जम्मू-कश्मीर में बेरोजगारी सबसे बड़ा मुद्दा है।
शायद, देश में सबसे ज्यादा बेरोजगारी दर जम्मू-कश्मीर में है।
हम देखना चाहते हैं कि इससे संबंधित कुछ है या नहीं।
हमारे पास पानी और बिजली आपूर्ति की समस्या है।
हम चाहते हैं कि इन मुद्दों को बजट में शामिल किया जाए।
अगर ऐसा नहीं होता है, तो हमारे दो सांसद इन मुद्दों को उठाएंगे।
“