22 सौ प्लाटों की कॉलोनी तुलसी नगर कैसे होगी वैध ?

कलेक्टर ने दी सिर्फ 545 प्लॉट को एन.ओ.सी.

इंदौर: शहर की विवादित कॉलोनियों में से एक तुलसी नगर के वैध होने के मामला फिलहाल अटक गया है। उक्त कॉलोनी में सिर्फ 545 प्लॉट और मकान मालिकों को कलेक्टर से एनओसी दिए है, बाकी प्लॉट और मकान मालिकों की सरकारी जमीन पर काबिज होने से जांच चल रही है। जांच इसलिए कि सरस्वती गृह निर्माण संस्था को शासन ने सीलिंग की जमीन आवंटित की थी , जिस पर तुलसी नगर बसा है।

इंदौर की विवादित सरस्वती गृह निर्माण संस्था द्वारा बॉम्बे हॉस्पिटल के सामने स्थित तुलसी नगर को नगर निगम वैध नहीं कर पाएगा। नगर निगम शहर की 622 अवैध कॉलोनियों में से 134 अवैध कॉलोनियों को वैध कर चुका है। 34 ओर कॉलोनियों को वैध करने की प्रक्रिया चल रही है। इसी 34 में से एक कॉलोनी शिवनारायण अग्रवाल द्वारा काटी गई तुलसी नगर है , जिसको नियमित करने की प्रक्रिया नगर निगम में चल रही है। मगर तुलसी नगर के प्लॉट और मकान मालिकों को अपनी संपत्ति वैध होने के लिए इंतजार करना पड़ेगा। इंतजार इसलिए कि कलेक्टर को भेजी गई तुलसी नगर के 22 सौ प्लॉट के नक्शे और सूची है। निगम द्वारा तुलसी नगर के टीएनसीपी से मंजूर सभी नक्शे और मौके पर काबिज प्लॉट एवं मकान मालिकों की सर्वे रिपोर्ट मय दस्तावेज के नियमित करने को भेजी है।

सभी दस्तावेज देखने और टीएनसीपी से खसरे पर मंजूरी और नक्शे के आधार पर कलेक्टर से सिर्फ 545 प्लॉट और मकान मालिकों को एनओसी देने की सहमति दी है। बाकी  करीब 1700 सौ प्लॉट , मकान मालिकों को एनओसी जारी नहीं की है। एनओसी जारी नहीं होने का कारण सीलिंग की जमीन , जो संस्था को आवंटित की थी, उसमें नियमों का पालन संस्था ने किया है या नहीं , इसकी जांच की जा रही है।कलेक्टर से जारी एनओसी के आधार पर समझा जा सकता है कि फिलहाल तुलसी नगर का कुछ हिस्सा ही वैध होगा। बाकी प्लॉट और मकान मालिक नजूल, नाले और सीलिंग की सरकारी जमीन पर काबिज है। उसकी जांच पूरी होने तक बचे प्लॉट और मकान मालिकों को इंतजार करना पड़ेगा।   इसलिए कहा जा सकता है कि तुलसी नगर के 22 सौ प्लॉट में से सिर्फ 545 प्लॉट और उस पर बने मकान ही वैध माने जाएंगे और बाकी 17 सौ प्लॉट एवं उस पर बने मकान फिलहाल अवैध ही माने जाएंगे।

इनका कहना है.

इस बारे में निगमायुक्त शिवम वर्मा ने कहा कि बचे प्लॉटों की जांच जारी है। नियमानुसार जो कारवाही होगी वो करेंगे।नाले और नजूल की जमीन पर प्लॉट बेचे डाले, जेल भी हो आए शिव अग्रवालशहर के पूर्वी क्षेत्र में 55 एकड़ जमीन पर सरस्वती गृह निर्माण संस्था ने तुलसी नगर के नाम से कॉलोनी काटी थी। उक्त कॉलोनी के कर्ताधर्ता शिवनारायण अग्रवाल है। समय समय पर तुलसी नगर के टीएनसीपी से नक्शे पास हुए है। नक्शे के अतिरिक्त नाले और नजूल की जमीन पर प्लॉट बेच दिए गए। जबकि सरकार ने 1990 में उक्त कॉलोनी के जनहित में सीलिंग की जमीन संस्था को सौंपी थी। महालक्ष्मी नगर की जमीन भी सीलिंग की है और सरकार ने जनहित में सहकारी संस्था को दी थी। सरस्वती गृह निर्माण सहकारी संस्था के अध्यक्ष शिव अग्रवाल को जितनी जमीन दी थी , उससे कही ज्यादा लोगों को लालच में प्लॉट अलॉट कर दिए। उसमे खास कर नजूल और नाले की जमीन शामिल है, जिनका नक्शे में कही उल्लेख नही है। यही से उक्त में विवाद पैदा हुआ और प्लॉट को हेरा फेरी में अग्रवाल जेल भी काट आए है।

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