औषधि के उच्च मानक तय करना जरूरी: नड्डा

नयी दिल्ली 17 जुलाई (वार्ता) केंद्रीय स्वास्थ्य‌‌ एवं परिवार कल्याण मंत्री जे.पी. नड्डा ने

 

बुधवार को कहा कि औषधियों, सौंदर्य प्रसाधनों और चिकित्सा उपकरणों की विश्व स्तर पर गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए निरंतर उद्योगों से विचार‌ विमर्श किया जाना चाहिए।

 

श्री नड्डा ने यहां औषधि चिकित्सा उपकरण और सौंदर्य प्रसाधन के नियामकों की समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि भारत को वैश्विक प्रतिष्ठा ‘विश्व की फार्मेसी’ के अनुरूप औषधि विनियमन में वैश्विक नेता बनने के लिए, अपने परिचालन के पैमाने और अंतर्राष्ट्रीय अपेक्षाओं से मेल खाने वाले विश्व स्तरीय विनियामक ढांचे की आवश्यकता है। उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव अपूर्व चंद्रा, भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) डॉ. राजीव सिंह रघुवंशी और केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) तथा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

 

श्री नड्डा ने सी.डी.एस.सी.ओ. पर अपने अनिवार्य क्रियाकलापों में वैश्विक मानकों को प्राप्त करने के लिए समय सीमा के साथ एक योजना तैयार करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि एकरूपता, तकनीकी उन्नयन और भविष्योन्मुखी दृष्टिकोण के उच्चतम मानकों पर ध्यान केंद्रित होना चाहिए। उन्होंने कहा कि निर्यात की जा रही दवाओं की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए उचित प्रक्रिया तैयार की जानी चाहिए।

 

उन्होंने कहा कि वैश्विक मानकों को प्राप्त करने के लिए, सी.डी.सी.एस.ओ. तथा औषधि एवं चिकित्सा उपकरण उद्योग में प्रक्रियाओं की पारदर्शिता पर ध्यान केन्द्रित करना होगा। उन्होंने कहा कि औषधि नियामक निकाय तथा उद्योग दोनों को पारदर्शिता के उच्चतम सिद्धांतों पर काम करना चाहिए, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि भारत में निर्मित तथा बेचे जाने वाले उत्पाद वैश्विक गुणवत्ता मानकों के उच्चतम मानकों को पूरा करते हों।

 

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि दवा और चिकित्सा उपकरण उद्योग के साथ निरंतर संवाद बनाए रखना महत्वपूर्ण है, ताकि उनके मुद्दों को समझा जा सके और गुणवत्ता अपेक्षाओं और मानकों को पूरा करने के लिए उनका सहयोग किया जा सके।औषधि निर्माण में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम क्षेत्र और गुणवत्ता मानकों को पूरा करने के लिए लघु उद्योगों के सामने आने वाली समस्याओं के विषय पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि एमएसएमई क्षेत्र के सामने आने वाली समस्याओं को समझा जाना चाहिए और उनकी क्षमता और उत्पादों की गुणवत्ता को मजबूत करने के लिए सहयोग करना चाहिए।

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