नयी दिल्ली, 17 जुलाई, (वार्ता) भारत में डिजिटल प्रौद्योगिकियों, कार्यप्रणाली और क्षमताओं का लाभ उठाए जाने में हो रही वृद्धि से प्रेरित होकर कई छोटे और मध्यम आकार के उद्यम बाज़ार में प्रतिस्पर्धा में सबसे आगे रह पाने के लिए क्लाउड का तेज़ी से उपयोग कर रहे हैं।
टाटा टेली बिज़नेस सर्विसेस (टीटीबीएस) और साइबर मीडिया रिसर्च (सीएमआर) की आज जारी ‘एसएमई डिजिटल इनसाइट्स’ स्टडी में यह पाया गया है। देश भर के कुल छोटे और मध्यम आकर के उद्यमों में से 58 प्रतिशत का मानना है कि उनकी डिजिटल परिपक्वता काफी अच्छी है और वर्तमान में चल रहे डिजिटल बदलाव में वे सबसे आगे हैं। सर्वेक्षण में भाग लेने वाले 50 एसएमई वित्त वर्ष 2024 में उनके कारोबार के विस्तार के लिए क्लाउड का लाभ उठा रहे हैं।
पब्लिक क्लाउड का उपयोग सबसे ज़्यादा किया जा रहा है। आधे से ज़्यादा (52 प्रतिशत) एसएमई पब्लिक क्लाउड द्वारा प्रदान की जाने वाली स्केलेबिलिटी और किफ़ायतीपन का लाभ उठाते हैं। हर पांच में से लगभग एक एसएमई (20 प्रतिशत) अपने काम का 50 प्रतिशत से ज़्यादा हिस्सा क्लाउड पर सफलतापूर्वक ले गए हैं। देश भर में 51 प्रतिशत एसएमई उपभोक्ताओं की सहायता के लिए क्लाउड को प्राथमिकता देते हैं।
एसएमई के लिए क्लाउड को अपनाने की सबसे बड़ी वजह है सुरक्षा। लगभग आधे (40 प्रतिशत क्लाउड को अपनाने का मुख्य कारण बेहतर सुरक्षा अनुपालन बताते हैं। व्यावसायिक निर्णयों में क्लाउड की रणनीतिक भूमिका इसमें उजागर होती है। दिलचस्प बात यह है कि क्षेत्रीय संरेखण मज़बूत है और मुंबई 55 प्रतिश्ता के साथ सबसे आगे है। क्लाउड कौशल के साथ भविष्य की सुरक्षा भी है। 36 प्रतिशत एसएमई अपने भविष्य की क्लाउड उपयोग योजनाओं के लिए क्लाउड कौशल को प्राथमिकता दे रहे हैं। उत्तर और पूर्वी भारत में 48 प्रतिशत एसएमई क्लाउड कौशल पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। एसएमई उभरती हुई तकनीक को अलग-अलग तरीकों से अपना रहे हैं। हेल्थकेयर में मरीज़ों की बेहतर देखभाल और दवाओं की खोज तेज़ी से कर पाने के लिए तकनीक का उपयोग किया जाने की संभावनाएं अधिक हैं, लेकिन डेटा साइलो और कौशल कमियों की समस्याएं हैं।