समर्थन मूल्य पर मूंग- उड़द की खरीदी पड़ी फीकी

खरीदी केंद्रों पर नहीं पहुंच रहे किसान

नवभारत, जबलपुर। ग्रीष्मकालीन फसल मूंग और उड़द की समर्थन मूल्य पर खरीदी इस वर्ष फीकी पड़ती हुई नजर आ रही है। जिसमें जिले में बनाए गए सभी केंद्रों पर अभी तक कोई भी किसान अपनी फसल लेकर नहीं पहुंचा है। जिससे शासन द्वारा एक भी दाना मूंग और उड़द का खरीदा नहीं गया है। उल्लेखनीय है कि शासन द्वारा 24 जून से 31 जुलाई तक ग्रीष्मकालीन फसल मूंग और उड़द की खरीदी प्रारंभ कर दी गई थी,परंतु जिले में इसके एक हफ्ते बाद सहकारी समितियां और केंद्रों का आवंटन किया गया था। जिसके चलते 2 जुलाई को जिले में 21 केंद्र खरीदी के लिए बनाए गए थे। लेकिन आज एक हफ्ते बाद तक किसी भी केंद्र में किसानों द्वारा मूंग और उड़द को जाकर बेचा नहीं गया है। जिससे इस वर्ष शासन के पास मूंग और उड़द का एक भी दाना अभी तक नहीं आया है।
लगभग 100 स्लॉट हुए हैं बुक
कृषि उप संचालक रवि आम्रवंशी से मिली जानकारी के अनुसार सभी केंद्रों में स्लॉट बुकिंग करने के बाद ही किसानों की फसल खरीदी जाएगी। जिसके लिए किसान पहले स्लॉट बुक करेंगे और तय तिथि के अनुसार अपनी फसल केंद्रों पर लेकर पहुंचेंगे। जिसके लिए अभी तक लगभग 100 स्लॉट बुक हो चुके हैं। गौरतलब है कि 24 जून से शुरू हुई खरीदी में अभी तक सिर्फ 100 स्लॉट ही केंद्रों में बुक हुए हैं,उसके बावजूद भी किसी भी केंद्र में किसान अपनी फसल लेकर नहीं पहुंचे हैं।
15 दिन बीते, 20 दिन बचे हैं शेष
ग्रीष्मकालीन फसल मूंग और उड़द खरीदी की अंतिम तिथि 31 जुलाई निर्धारित की गई है। लेकिन जिले में अभी तक खरीदी का नामोनिशान न होने से यह साफ नजर आ रहा है कि इस वर्ष गेहूं की फसल जितना ही कम मात्रा में मूंग और उड़द का भी उपार्जन होने की संभावना है। 24 जून से शुरू हुई खरीदी के लगभग 15 दिन बीत चुके हैं, जिसमें 1 हफ्ते बाद तो केंद्र बनाए गए और अब 10 जुलाई तक किसी भी केंद्र में फसल का एक भी दाना किसानों द्वारा नहीं बेचा गया है। अब बचे हुए 20 दिनों में यह देखना है कि कितने किसान कितनी मात्रा में मूंग और उड़द का उपार्जन खरीदी केंद्रों में करेंगे। गौरतलब है कि इस वर्ष मूंग और उड़द के उपार्जन के लिए 13500 किसानों ने पंजीयन कराया है, लेकिन इन तेरह हजार किसानों में से अभी तक एक भी किसान अपनी फसल खरीदी केंद्रों में लेकर नहीं पहुंचा है।
मंडियों में रही मूंग और उड़द के भरमार
ग्रीष्मकालीन फसल मूंग और उड़द की कटाई कई किसानों द्वारा जून माह में ही कर ली गई थी। इसके लिए वह शासन द्वारा समर्थन मूल्य पर खरीदी का इंतजार ना करते हुए प्राइवेट रूप से ही मंडियों में अपनी फसल बेचना पसंद कर रहे थे। जिसके चलते इस वर्ष मंडियों में मूंग और उड़द की फसलों की भरमार देखने को मिली थी। इसके अलावा किसानों को इसके अच्छे खासे रेट भी इस वर्ष मिले हैं, जिसके कारण मूंग और उड़द के रक़वा क्षेत्र में से आधे से ज्यादा फसल तो किसानों ने मंडियों में ही बेच दी है। जिले में देर से शुरू हुए उपार्जन के चलते किसानों ने पहले ही अपनी फसलें बेच दी हैं, इसी कारण से खरीदी केंद्रों पर सन्नाटा पसरा हुआ है।
इनका कहना है
मूंग उड़द के उपार्जन के लिए लगातार स्लॉट बुक हो रहे हैं, जिसके बाद किसान फसलों को लेकर पहुंचेंगे। 31 जुलाई तक खरीदी होना है, जिसमें फसलों का उपार्जन होगा।
रवि आम्रवंशी,
कृषि उपसंचालक

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