नई दिल्ली, 05 जुलाई (वार्ता) दिल्ली उच्च न्यायालय ने आबकारी नीति कथित घोटाला मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर शुक्रवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को नोटिस जारी किया।
न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा की एकल पीठ ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सीबीआई को नोटिस जारी कर एक सप्ताह में अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया।
एकल पीठ ने इस मामले में अगली सुनवाई के लिए 17 जुलाई की तारीख मुकर्रर की है। इसी दिन केजरीवाल की गिरफ्तारी और उन्हें सीबीआई की हिरासत में सौंपने के विशेष अदालत के आदेश को चुनौती देने वाली उनकी याचिका पर भी सुनवाई होनी है। इस मामले में पीठ ने आरोपी की याचिका पर दो जुलाई को केंद्रीय जांच एजेंसी को नोटिस जारी कर मामले को 17 जुलाई के लिए सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया था।
मुख्यमंत्री केजरीवाल की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए एकल पीठ ने यह भी कहा कि याचिकाकर्ता ने सीबीआई के इस मुकदमे में पहले निचली अदालत का रुख करने के बजाय और सीधे उच्च न्यायालय का दरवाजा क्यों खटखटाया, इस सवाल पर बाद में विचार किया जाएगा।
केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने न्यायिक हिरासत तिहाड़ जेल में बंद श्री केजरीवाल से अदालत की अनुमति पर 25 जून को पूछताछ की और अगले दिन 26 जून को गिरफ्तार किया, जबकि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आबकारी नीति से संबंधित कथित घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले मामले में उन्हें 21 मार्च को गिरफ्तार किया था।
आरोपी मुख्यमंत्री दोनों मामले में न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल बंद हैं।
श्री केजरीवाल ने जमानत याचिका से पहले अपनी गिरफ्तारी के अलावा विशेष अदालत के केंद्रीय जांच एजेंसी को उन्हें हिरासत में देने के आदेश के साथ ही गिरफ्तारी को उचित बताते की टिप्पणी पर अपनी याचिका में सवाल किया है।
सीबीआई ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के मुकदमे में मार्च से न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल बंद आरोपी मुख्यमंत्री केजरीवाल को 26 जून को गिरफ्तार किया था। विशेष अदालत ने उसी दिन सीबीआई की गुहार पर उन्हें इस केंद्रीय जांच एजेंसी की तीन दिनों की हिरासत में भेज दिया था। हिरासत अवधि समाप्त होने के बाद विशेष अदालत ने शनिवार 29 जून को उन्हें 12 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।
राऊज एवेन्यू स्थित अवकाशकालीन विशेष न्यायाधीश सुनैना शर्मा ने सीबीआई की ओर से केजरीवाल की हिरासत अवधि बढ़ाने की मांग नहीं करने और 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजने के आग्रह के बाद यह आदेश पारित किया था।
सीबीआई की ओर से तब विशेष अदालत में दलील दी गई थी कि केजरीवाल एक प्रभावशाली राजनेता हैं। वह हिरासत में नहीं रहने पर सबूतों से छेड़छाड़ और गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं।
राऊज एवेन्यू स्थित अवकाशकालीन विशेष न्यायाधीश अमिताभ रावत की अदालत ने 26 जून को श्री केजरीवाल को सीबीआई की तीन दोनों की हिरासत भेजने का आदेश दिया था।
इससे पहले ईडी की ओर से दर्ज मामले में विशेष अदालत ने 20 जून को केजरीवाल को जमानत दी थी। इस जमानत आदेश पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने ईडी की याचिका पर 21 जून के अंतरिम रोक और 25 जून को निलंबित करने का आदेश पारित किया था।