ग्वालियर। यूपी से पढ़ाई करने के लिए आए छात्र ने फ्लैट में फांसी लगाकर जान दे दी। घटना का पता उस समय चला जब रात में छात्र ने अपने साथी छात्रों को मैसेज कर कमरे की सफाई करने की तथा अन्य बातें शेयर की तो वह घबरा गए और उसे कॉल किया तो उसने कॉल रिसीव नहीं किया। मामले की गंभीरता को देखते हुए उसके परिजनों को सूचना दी।
सूचना मिलते ही परिजन ने ग्वालियर में रहने वाले छात्र के मामा को भेजा। जब बालकनी से घर में पहुंचे तो छात्र अंदर फांसी के फंदे पर लटका था। तत्काल उतार कर जेएएच ले गए, जहां उसे मृत घोषित कर दिया।
छात्र के रूम से 15 लगभग सुसाइड नोट स्लिप मिली हैं। जिसमें दोस्तों, परिजन से माफी मांगी है। किसी में सुसाइड की वजह नहीं लिखी है। मृतक के पिता बदायूं यूपी में प्रोफेसर और मां स्वास्थ विभाग में अधिकारी है।
उत्तर प्रदेश के बदायूं के प्रोफेसर मुन्नालाल शर्मा के दो बेटे हैं। बड़ा बेटा लकी तो वहीं नौकरी करता है, जबकि छोटा बेटा ध्रुव शर्मा 24 साल अभी ग्वालियर में माधव लॉ महाविद्यालय से एलएलबी कर रहा था। ध्रुव की मां भी स्वास्थ्य विभाग में अधिकारी हैं। ध्रुव शर्मा अभी बहोड़ापुर थाना क्षेत्र के 24 बीघा में रह रहा है। बीती रात करीब बारह बजे तक वह दोस्तों से मोबाइल पर बात करता रहा और उसके कुछ ही देर बाद उसने छात्र ग्रुप में मैसेज डाला कि कल रूम पर आ जाना और सफाई कर जाना।
अटपटा मैसेज देखकर दोस्तों का माथा ठनका और वह उसे कॉल लगाने वाले थे कि तभी उसके कुछ अन्य मैसेज आए, सभी मैसेज नकारात्मक थे। छात्रों ने उसे कॉल किया तो उसने कॉल रिसीव नहीं किया तो साथी छात्रों ने उसके परिजनों को सूचना दी और स्वयं भी फ्लैट पर पहुंचे, लेकिन वह गेट नहीं खोल रहा था।
काफी परेशान होने के बाद जब उसके कमरे का गेट नहीं खुला तो छात्रों ने उसकी बालकनी के सामने कार खड़ी कर बालकनी में पहुंचे और अंदर झांका तो पता चला कि उसने फांसी लगाई है। तुरंत ही दरवाजा तोड़ा और अंदर पहुंचे और उसे लेकर अस्पताल ले गए। जहां पर पता चला कि उसकी मौत हो चुकी है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। मृतक दो दिन पहले ही अपने घर से आया है।
पुलिस और परिजन ने अंदर रूम की तलाशी ली तो छात्र के हाथ की लिखी लगभग 15 छोटी-छोटी पर्चियां मिली हैं। जिसे सुसाइड नोट माना जा सकता है। पुलिस ने उन पर्चियों को निगरानी में ले लिया है। पुलिस का मानना है कि छात्र का मन बहुत अशांत होगा, जिसके कारण वह धार्मिक संगीत बजाकर यह कदम उठाया है।
छात्र के रूम से मिलीं पर्चियों में उसने अपने मां-पिता से अच्छा बेटा नहीं बन पाने के लिए माफी मांगी है। यह कदम उठाने के लिए माफी मांगी है। पर्चियों में अपने भाई से भी माफी मांगी है। दोस्तों से भी इस तरह हमेशा के लिए छोडक़र चले जाने के लिए मांफी मांगता हुआ नजर आया है। पर उसने यह कदम क्यों उठाया वह साफ नहीं है। न ही किसी पर्ची पर साफ-साफ लिखा है। छात्र के मामा का कहना है कि वह सफल एडवोकेट बनना चाहता था।
मृतक छात्र के मामा अरुण शर्मा ने बताया कि ध्रुव को किसी बात की कोई कमी नहीं थी। अभी कुछ दिन पहले ही उसके पिता ने उसे नई बुलेट बाइक दिलाई थी। साथ ही नया लैपटॉप भी लिया था। पढ़ाई और करियर को लेकर कोई दबाव नहीं था। समझ नहीं आ रहा है कि वह ऐसा कदम कैसे उठा सकता है।