नयी दिल्ली (वार्ता) नागरिक केन्द्रित सेवाओं, बैंकिंग सेवाओं और सरकारी योजनाओं के लाभ प्रदान करने के लिए एक सरल विधायी ढांचा तैयार करने तथा पत्रों के संग्रह, प्रोसेसिंग और वितरण के विशेषाधिकार जैसे प्रावधानों को समाप्त करने वाला डाकघर विधेयक, 2023 प्रभावी हो गया है।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार डाकघर अधिनियम, 2023 प्रभावी हो गया है और भारतीय डाकघर अधिनियम, 1898 को निरस्त हो गया है।
इससे संबंधित विधेयक को 10 अगस्त 2023 को राज्यसभा में पेश किया गया था और 04 दिसंबर 2023 को राज्यसभा ने इसे पारित किया था। इसके बाद विधेयक पर लोकसभा द्वारा 18 दिसंबर 2023 को पारित किया गया। अधिनियम को 24 दिसंबर 2023 को राष्ट्रपति की सहमति प्राप्त हुई और इसे सामान्य जानकारी के लिए विधि और न्याय मंत्रालय (विधायी विभाग) द्वारा 24 दिसंबर 2023 को भारत के राजपत्र, असाधारण, भाग दो, खंड 1 में प्रकाशित किया गया था।
इसमें किसी तरह का कोई दंडनीय प्रावधान नहीं है और यह वस्तुओं, पहचानकर्ताओं और पोस्टकोड के उपयोग के बारे में निर्धारित मानकों के लिए प्रारूप उपलब्ध करता है।