जम्मू (वार्ता) केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि राय निर्माण करने वालों के लिए यह जागरूकता उत्पन्न करना बहुत महत्वपूर्ण है कि आज के किसान पुराने जमाने के किसान नहीं हैं, बल्कि वह एक कृषि उद्यमी या कृषि-तकनीकी स्टार्ट-अप हैं।
डॉ. सिंह ने यहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा पीएम किसान सम्मान निधि योजना की नई किस्त के वर्चुअल वितरण के प्रसारण के लिए शेर-ए-कश्मीर कृषि विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय जम्मू (एसकेयूएएसटी) में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि ‘सबसे अच्छे उदाहरणों में से एक जम्मू-कश्मीर से आया है जिसने अरोमा मिशन को जन्म दिया और लैवेंडर की खेती के माध्यम से हजारों कृषि-श्रमिकों को आजीविका और स्टार्ट-अप के अवसर प्रदान किए, जो छोटे शहर भद्रवाह से शुरू हुआ और अब कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस की झांकी में इसके प्रदर्शन सहित दुनिया भर में उद्धृत किया जा रहा है। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृढ़ विश्वास और प्रतिबद्धता की निरंतरता को दर्शाता है।’
उन्होंने कृषि क्षेत्र को भारत की अर्थव्यवस्था के भविष्य का एक महत्वपूर्ण घटक के रूप में संदर्भित करते हुए कहा कि यह एक ऐसा क्षेत्र है जो पूरी तरह से विकसित नहीं हुआ है और जम्मू-कश्मीर इसमें एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने जा रहा है।
उन्होंने कहा कि गहरी प्रतिबद्धता और दृढ़ विश्वास के साथ निरंतरता का एक निश्चित पैटर्न है जिसके साथ श्री मोदी अपनी प्रत्येक पहल का अनुसरण करते हैं।
डा सिंह ने पीएम किसान सम्मान निधि योजना को एक ऐसा ही एक विशिष्ट उदाहरण बताते हुए याद किया कि यह योजना प्रधानमंत्री मोदी द्वारा अपने पहले कार्यकाल यानी मोदी सरकार 1.0 में दो फरवरी 2019 को शुरू की गई थी। उन्होंने कहा कि तब से जरूरतमंद किसानों को अनुदान किस्त देते समय इसी तरह के नियमित कार्यक्रम आयोजित किए गए और यह प्रक्रिया पीएम मोदी के दूसरे कार्यकाल यानी मोदी सरकार 2.0 में भी जारी रही और अब इसे मोदी सरकार 3.0 के तीसरे कार्यकाल में भी देखा जा सकता है।
डॉ. सिंह ने कहा कि जैसा कि नाम से पता चलता है, जरूरतमंद किसानों के खातों में हस्तांतरित की गई राशि न केवल उन्हें वित्तीय सहायता प्रदान करती है, बल्कि यह किसान के प्रति समाज के सम्मान और स्वीकृति को भी दर्शाती है और इसलिए इस योजना को किसान “सम्मान” निधि योजना का नाम दिया गया है।
डॉ. सिंह ने कहा कि यह समाज और राजनीति में जाति, पंथ या धर्म के विभाजनों से ऊपर उठकर एक नई कार्य संस्कृति लाने के प्रधानमंत्री मोदी के सचेत प्रयास को भी दर्शाता है।
उन्होंने श्री मोदी के हालिया बयान का उल्लेख किया जिसमें उन्होंने कहा था कि वह इस देश में केवल चार वर्गों या जातियों को जानते हैं, किसान, महिला, युवा और गरीब।
उन्होंने कहा कि इन चार वर्गों के हितों की सेवा करने से सभी जातियों और धर्मों का ध्यान आता है क्योंकि इन वर्गों में हिंदुओं के साथ-साथ मुस्लिम और सभी जातियां भी शामिल है।
इसी भावना के आलोक में आज के कार्यक्रम का उल्लेख करते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि आज के अनुदान के माध्यम से जहां एक तरफ किसान को संबोधित किया जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ महिला किसानों के “कृषि-सखी” स्वयं सहायता समूहों की पहल के माध्यम से महिलाओं को भी संबोधित किया जा रहा है, जिन्हें आज के कार्यक्रम में लाभ प्राप्त होने वाला है।
डॉ. सिंह ने पीएम किसान सम्मान योजना सहित सभी मोदी योजनाओं में प्रौद्योगिकी के उपयोग को भी रेखांकित किया, जहां पांच लाख से अधिक कॉमन सर्विस सेंटर खोले गए हैं और यहां तक कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग किसान ई-मित्र नामक एआई चैटबॉट के लिए किया गया है जो ग्यारह भारतीय भाषाओं में उपलब्ध है और जल्द ही यह डोगरी और कश्मीरी में भी उपलब्ध होगा।
डॉ सिंह ने कृषि क्षेत्र को भारत की अर्थव्यवस्था का भविष्य का एक महत्वपूर्ण घटक बताते हुए कहा कि यह एक ऐसा क्षेत्र है जिसका पूरी तरह अन्वेषण नहीं किया गया है और जम्मू-कश्मीर इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाने जा रहा है।