शिप्रा के पानी से ही होगा सिंहस्थ में स्नान

– मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पत्रकार वार्ता में कहा

प्रशासनिक संवाददाता

भोपाल, 8 जून. सिंहस्थ पर्व के दौरान उज्जैन में शिप्रा के जल से स्नान का सबसे अधिक महत्व है. वर्ष 2016 में हुए सिंहस्थ के दौरान पानी की कमी को देखते हुए नर्मदा का पानी लाकर शिप्रा में प्रवाहित किया गया था, ऐसे में भले ही श्रद्धालुओं ने शिप्रा में पर्व स्नान तो किया, लेकिन पानी शिप्रा का नहीं था, लिहाजा अब वर्ष 2028 में होने वाले सिंहस्थ के दौरान शिप्रा के पानी से ही श्रद्धालुओं को स्नान का मौका मिल सकता है. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शनिवार को कहा कि जन भावना भी है कि शिप्रा में स्नान शिप्रा के पानी से ही हो, इसके लिए देवास के पास पानी के संग्रहण के लिए बड़ा इंतजाम किया जा रहा है. इस पानी को ही सिंहस्थ के दौरान शिप्रा में प्रवाहित किया जाएगा.

शनिवार को समत्व भवन में पत्रकार वार्ता के दौरान एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि शिप्रा जहां से निकलती है, वहां कोई हिमालय की तरह ग्लेशियर तो है नहीं, ऐसे में बारिश के दौरान तो पानी रहता है लेकिन गर्मी के दौरान नदी सूख जाती है। ये समस्या तो यहां है. लेकिन लोगों की मंशा है कि नर्मदा की जगह शिप्रा के पानी से ही स्नान हो, इसके लिए देवास के पास पानी संग्रहण करेंगे और उज्जैन में शिप्रा के पानी से ही स्नान होगा. उन्होंने कहा कि नर्मदा के पानी का उपयोग कृषि और उद्योगों के लिए किया जा सकेगा. राजधानी में मंत्रियों और विधायकों के लिए नए आवास बनाने के प्रोजेक्ट और उस कारण शहर की हरियाली के नष्ट होने के खतरे के सवाल पर कहा कि प्रोजेक्ट तो रोज बनते हैं, लेकिन उसे सनसनी के तौर पर पेश किया जाता है. अभी ये प्रस्ताव मेरे पास आया ही नहीं है, जब आएगा, तब देखेंगे.

केन- बेतवा लिंक प्रोजेक्ट के लिए दो टेंडर पूरा 

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि केन-बेतवा लिंक प्रोजेक्ट के लिए दो टेंडर की प्रक्रिया पूरी हो गई है। एक टेंडर 12 हजार और दूसरा 6 हजार करोड़ रुपए का है. उन्होंने बताया कि चंबल प्रोजेक्ट के लिए भी कल दिल्ली में राजस्थान के मुख्यमंत्री के साथ एक घंटा चर्चा हुई है. इस परियोजना के लिए मप्र और राजस्थान को 35-35 हजार करोड़ रुपए मिलेंगे.

ईथेन क्रेकर परियोजना के लिए जरुरत पड़ी तो निजी जमीन भी देंगे

मुख्यमंत्री ने गेल इंडिया द्वारा आष्टा में लगाए जाने वाले ईथेन क्रेकर परियोजना को लेकर कहा कि ये प्रदेश में अब तक का सबसे बड़ा निवेश होगा. यहां आवासीय परिसर भी होगा. स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा. परियोजना की स्थापना के लिए 900 हेक्टेयर शासकीय अविकसित भूमि के आवंटन के लिए अनुरोध किया गया है, आष्टा के पांच गांवों में 779 हेक्टेयर जमीन चिन्हित कर ली गई है, यदि जरुरत पड़ी तो निजी जमीन भी लेकर देंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले वर्ष जनवरी में इस परियोजना का भूमिपूजन होगा.

जन गंगा संवर्धन अभियान से 36 हजार लोग जुड़े

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि जन गंगा संवर्धन अभियान से प्रदेश में अब तक 36 हजार लोग जुड़ चुके हैं. 48 हजार घन मीटर गाद निकाली गई है. उन्होंने बताया कि प्रदेश में इस वर्ष 5.5 करोड़ पौधे लगाए जाएंगे. प्रदेश में 212 नदियां हैं, मेरी कोशिश है कि अभियान के दौरान प्रमुख नदियों में होने वाले कार्यक्रम में शामिल जरुर रहें.

कांग्रेस पिछले तीन चुनाव में भी भाजपा के बराबर सीट नहीं जीत सकी

एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस पिछले तीन लोकसभा चुनाव में भी भाजपा के बराबर सीट नहीं जीत सकी है, इसलिए उन्हें जनादेश को लेकर तो कोई बात करना ही नहीं चाहिए, वैसे भी जब से राहुल कांग्रेस की अगुवाई कर रहे हैं, केवल हार रहे हैं. उन्होंने कहा कि रविवार का दिन ऐतिहासिक है. वे भी कल दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शपथ ग्रहण में शामिल होंगे.मेरे सहित मंत्री- विधायक भी शामिल होंगे.

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