शाकिब अल हसन ने टेस्ट और टी-20 से संन्यास वापस लिया

ढाका 08 दिसंबर (वार्ता) बंगलादेश के पूर्व कप्तान शाकिब अल हसन ने क्रिकेट के तीनों प्रारूपों में खेलने की इच्छा व्यक्त करते हुए टेस्ट और अंतरराष्ट्रीय टी-20 से अपना संन्यास वापस ले लिया है। शाकिब ने एक साल से अधिक के समय से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट नहीं खेली है और पिछले साल ही उन्होंने टेस्ट और टी-20 से संन्यास लिया था।

शाकिब ने मोईन अली के पॉडकास्ट में बात करते हुए रविवार को कहा, “मैं आधिकारिक तौर पर सभी प्रारूपों से रिटायर नहीं हुआ हूं। यह पहला मौका है जब मैं इसका खुलासा कर रहा हूं। मेरी योजना बंगलादेश जाकर एकदिवसीय, अंतरराष्ट्रीय टी-20 और टेस्ट की एक पूरी सीरीज खेलने के बाद रिटायर होने की है।”

उन्होंने कहा, “मैं एक ही सीरीज में सभी प्रारूपों से रिटायर हो सकता हूं। इसकी शुरुआत टी-20, एकदिवसीय और टेस्ट या फिर टेस्ट, वनडे और टी-20 से हो सकती है। दोनों ही तरह मैं संतुष्ट हूं, लेकिन मैं एक पूरी सीरीज खेलकर ही रिटायर होना चाहता हूं।”

जब उनसे पूछा गया कि क्या वह बंगलादेश लौटेंगे तो शाकिब ने कहा, “मुझे उम्मीद है। इसीलिए मैं टी-20 लीग्स में खेल रहा हूं। मुझे लगता है कि ये होगा। मुझे लगता है कि जब एक खिलाड़ी कुछ कहता है तो वह अपने शब्दों के साथ रहने का प्रयास करता है। अचानक वे इसमें बदलाव नहीं करते हैं। इससे फर्क नहीं पड़ता कि मैं अच्छा खेलूंगा या नहीं। उसके बाद मैं एक खराब सीरीज खेल सकता हूं, यदि मैं खेलना चाहूं। लेकिन मुझे ऐसा करने की जरूरत नहीं है। मुझे लगता है कि ये पर्याप्त है। ये उन फैंस को अलविदा कहने का अच्छा तरीका होगा जिन्होंने मुझे हमेशा सपोर्ट किया है। घरेलू सीरीज खेलकर उन्हें कुछ वापस दिया जा सकता है।”

गेंदबाजी एक्शन को लेकर उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि मैं थोड़ा जानबूझकर ऐसा कर रहा था क्योंकि मैंने एक ही मैच में 70 से अधिक ओवर डाल दिए थे। मैंने अपने करियर में किसी टेस्ट में 70 ओवर नहीं डाले हैं। मैं टॉन्टन में सरे के लिए समरसेट के खिालफ चार दिवसीय मैच खेल रहा था। मैं थक गया था। मैंने पाकिस्तान में लगातार दो टेस्ट मैच खेले। हमने वह सीरीज़ जीती और फिर मैं वह चार दिवसीय मैच खेलने गया। मैं केवल एक चीज़ सोच रहा था कि अंपायर को कम से कम मुझे पहले चेतावनी दे देनी चाहिए थी। हालांकि, नियम में ये है तो उनके पास अधिकार हैं। मैंने शिकायत नहीं की।”

उन्होंने कहा, “मैं टेस्ट देने गया, फेल हो गया। इसके बाद मैंने अपना टेस्ट देखा। फिर समझ आया कि क्या हो रहा था। इसके बाद मुझे कुछ सप्ताह अभ्यास करना था जिसके लिए मैं वापस सरे गया और वे बेहद दयालु थे कि मेरी मदद को आगे आए। मैंने दो सेशन लिये और फिर सामान्य पर वापस आ गया था। मुझे लगा कि ये बेहद आसान है।”

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