खंडवा: वीडियो गौर से देखिए। पलाश या जामुन के पत्तों के पीछे एक बच्चा छिपा हुआ है। ये परंपरागत गीत गाते हैं। बारिश के आगमन का संकेत देते हैं। डेडर यानी मेंढक को आमंत्रित करते हैं, कि आ जाओ। सूख चुकी धरती को हरियाली से ढंक दो। बारिश का मौसम नजदीक है।
मानसून आने वाला है। खंडवा जिले में देहात से बच्चे घर-घर जाकर मानसून आने का संकेत देते हैं। अमावस के दिन तो ये टोलियों में निकल पड़ते हैं। इन पर लोग पानी की बौछार करते हैं। फिर इन्हें इनाम में अनाज, आटा या पैसे देते हैं। यह परंपरा निमाड़ में कब से चली आ रही है, पता नहीं। लेकिन सैकड़ों साल पुरानी विलुप्त हो रही इस परंपरा को जीवन्त आज भी खंडवा ने बनाए रखा है।